यूपी के बाद अब दिल्ली में भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर बंद होंगी मीट की दुकानें, तैयारी में रेखा सरकार

Kanwar Yatra Marg: उत्तर प्रदेश में 10 जुलाई से कांवड़ मार्ग पर मीट की दुकानें बंद करने का ऐलान हो चुका है. अब दिल्ली में भी हिंदू सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर मांग की है कि यात्रा मार्ग पर सभी मीट की दुकानें और बूचड़खाने बंद रहें.
Kanwar Yatra Marg

कांवर यात्रा

Kanwar Yatra Marg: सावन माह में 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तैयारियां जोरों पर हैं. उत्तर प्रदेश में पहले से ही कांवड़ यात्रा मार्ग पर मीट और शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश लागू है. अब दिल्ली में भी इस तरह का कदम उठाने की मांग तेज हो गई है. दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा और हिंदू सेना जैसे संगठनों ने कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानों और बूचड़खानों को बंद करने की अपील की है. इससे व्यापारियों में असमंजस और नाराजगी का माहौल है.

कांवड़ यात्रा और मीट शॉप्स बंद करने की मांग

कांवड़ यात्रा, जो सावन माह में लाखों शिव भक्तों द्वारा हरिद्वार, गंगोत्री, और गौमुख से गंगाजल लाकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए निकाली जाती है, धार्मिक आस्था का प्रतीक है. उत्तर प्रदेश में 10 जुलाई से कांवड़ मार्ग पर मीट की दुकानें बंद करने का ऐलान हो चुका है. अब दिल्ली में भी हिंदू सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर मांग की है कि यात्रा मार्ग पर सभी मीट की दुकानें और बूचड़खाने बंद रहें. हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि यह कदम कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए जरूरी है.

दिल्ली सरकार और नेताओं का रुख

दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने बयान दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानें बंद रहेंगी, क्योंकि अधिकांश दुकानें ‘गैरकानूनी’ हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है. इसके अलावा, दिल्ली के मेयर इकबाल सिंह ने भी नैतिकता के आधार पर दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे कांवड़ मार्ग पर मीट की दुकानें स्वेच्छा से बंद रखें. बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मीट और शराब की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद करने की मांग की है.

व्यापारियों में असमंजस और नाराजगी

मीट दुकानदारों ने इस मांग पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर मीट मंडी, जो NCR की सबसे बड़ी मंडी है. वहां के दुकानदारों का कहना है कि उनकी दुकानें नगर निगम के तहत वैध हैं. फिर भी, बिना लिखित आदेश के दुकानें बंद करने का डर बना हुआ है. दुकानदारों का कहना है कि पूरे सावन माह दुकानें बंद करने से उनकी रोजी-रोटी पर गहरा असर पड़ेगा. कुछ दुकानदारों ने कहा कि अगर सरकार स्पष्ट आदेश जारी करती है, तो वे इसका पालन करेंगे, लेकिन बिना नोटिस के कार्रवाई से उन्हें नुकसान होगा.

धार्मिक भावनाएं और सियासी विवाद

हिंदू सेना ने यह भी मांग की है कि कांवड़ मार्ग पर ढाबों और रेस्टोरेंट्स की जांच की जाए ताकि कोई व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर कांवड़ियों को नुकसान न पहुंचाए. पिछले साल कुछ संदिग्ध लोगों द्वारा खाना परोसने की घटनाओं का हवाला देते हुए संगठन ने यह मांग उठाई है. इस मुद्दे पर सियासत भी गर्म हो रही है. विपक्षी दलों ने इसे छोटे व्यापारियों की आजीविका पर हमला बताया है, जबकि सत्तारूढ़ दल इसे धार्मिक भावनाओं का सम्मान करार दे रहा है.

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प्रशासनिक तैयारियां और नियम

दिल्ली पुलिस ने अभी तक कांवड़ यात्रा के रूट का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, लेकिन लगभग हर इलाके से कांवड़िए गुजरते हैं. पुलिस और प्रशासन ने यात्रा को शांतिपूर्ण बनाने के लिए सीसीटीवी, ड्रोन, और ट्रैफिक व्यवस्था जैसे इंतजाम किए हैं. गाजीाबाद और अन्य NCR क्षेत्रों में भी मीट और शराब की दुकानें बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. कुछ जगहों पर दुकानों को ढककर चलाने की अनुमति दी गई है, लेकिन खुले में बिक्री पर पूरी तरह रोक है.

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