वोटर अधिकार यात्रा में अखिलेश यादव की एंट्री, क्या है राहुल-तेजस्वी का ‘गेम-प्लान’?
अखिलेश यादव
Voter Adhikar Yatra: बिहार में विपक्ष की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का आज आखिरी दिन है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 16 दिनों से चल रही यात्रा में प्रियंका गांधी के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हो गए हैं. वोटर लिस्ट रिवीजन का मुद्दा संसद के मानसून सत्र में भी छाया रहा और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर रहा है. खासकर, यात्रा के दौरान राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर चुनाव आयोग और भाजपा को आड़े हाथों लेते रहे हैं. वहीं अब आरा में आज राहुल को अखिलेश का भी साथ मिलने जा रहा है.
‘वोट चोरी’ के आरोपों पर भाजपा का कहना है कि विपक्ष घुसपैठियों को बचाने के लिए यह यात्रा कर रहा है. शनिवार को सारण से शुरू हो रही यात्रा का अंतिम पड़ाव आरा में होगा, जहां अखिलेश भी मौजूद होंगे. अखिलेश के इस यात्रा में शामिल होने के पीछे राजद के एमवाई समीकरण को पीडीए में बदलने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. आरा, सिवान भोजपुरी बेल्ट हैं और इस क्षेत्र में अखिलेश को साथ लाने के पीछे राजद-कांग्रेस की क्या रणनीति हो सकती है.
अखिलेश को यात्रा में शामिल कराने के पीछे रणनीति
दरअसल, सीवान, सारण और भोजपुर बलिया से सटे हैं और भाषायी और सांस्कृतिक रिश्ते भी घनिष्ठ रहे हैं. इन इलाकों में दोनों तरफ के लोगों की ढेरों रिश्तेदारियां हैं, जिनका राजनीतिक लाभ लेने के लिए भी ये रणनीति बनाई जा रही है. राजनीति की बात करें, तो एक-दूसरे की राजनीतिक हलचलों का प्रभाव भी इधर देखने को मिलता है.
ऐसे में राजद-कांग्रेस की कोशिश होगी कि बिहार की सीमा से सटे इलाकों में सपा की मजबूत पकड़ होने का फायदा गठबंधन को मिले. लोकसभा चुनाव में बलिया और सलेमपुर में सपा का बोलबाला रहा था. इन सीटों पर ब्राह्मणों ने भी सपा का भरपूर साथ दिया. ऐसे में पीडीए और एमवाई के साथ सवर्ण वोटरों का साथ मिला तो, निश्चित तौर पर इंडी गठबंधन आगामी चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकता है.
‘वोटर अधिकार यात्रा’ को सफल बनाने के लिए विपक्ष ने कोई कसर बाकी नहीं रखी है. इस यात्रा में एमके स्टालिन आए और इसके बाद प्रियंका गांधी शामिल हुईं. प्रियंका गांधी मिथिलांचल के इलाके से इस यात्रा में शामिल हुईं, जहां बीजेपी की मजबूत पकड़ मानी जाती है. प्रियंका को यात्रा में शामिल करने के पीछे एक और रणनीति रही है कि नीतीश के मजबूत महिला वोट बैंक में सेंधमारी की जाए. अब इसी तरह, अखिलेश को यात्रा में उन इलाकों में शामिल किया जा रहा है, जहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में सपा मजबूत रही है. इन सबके बीच, यात्रा के दौरान कई बार विवाद भी देखने को मिला है.
पीएम मोदी को कहे गए अपशब्द
दो दिन पहले, इस यात्रा के दरभंगा पहुंचने के बाद सियासी पारा थोड़ा और हाई हो गया था, जब कांग्रेस के मंच से पीएम मोदी की दिवंगत मां के लिए अपशब्द कहे गए. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. इसके अगले दिन भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए थे. कांग्रेस दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी देखने को मिली थी.
दोनों खेमों के बीच बढ़ेगी तल्खी!
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के मंच से पीएम मोदी की दिवंगत मां के लिए अपशब्द कहे गए, राहुल गांधी को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. दूसरी तरफ, कांग्रेस के कुछ नेताओं का आरोप है कि पीएम मोदी को अपशब्द कहने वाला भाजपा का ही कार्यकर्ता था. इस बीच, एमपी के एक भाजपा कार्यकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है और फर्जी तरीके से इस मामले में उसका नाम घसीटा जा रहा है. पीएम मोदी को भरे मंच से गाली देने वाले रिजवी उर्फ राजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, आयोजक नौशाद ने माफी भी मांगी है लेकिन, ये मुद्दा अभी ठंडा होता नहीं दिख रहा है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जिस तरह की तल्खी दोनों तरफ के कार्यकर्ताओं में देखने को मिली है, उसके बाद बिहार चुनाव में भी माहौल गर्म ही रहने वाला है.