कौन है Anita Anand, जिन्होंने कनाडा के संसद में ‘गीता’ पर हाथ रख ली विदेश मंत्री की शपथ ?
भारतीय मूल की अनीता आनंद कनाडा की विदेश मंत्री बनीं
Anita Anand: अमेरिका के बाद अब कनाडा के संसद में हिंदू ग्रंथ ‘गीता’ का बोल बाला हुआ है. कनाडा की विदेश मंत्री ने कनाडा के संसद में ‘गीता’ पर हाथ रखकर शपथ ली है. कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद बनी हैं. जोकि भारतीय मूल की हैं. अनीता आनंद को कनाडा का विदेश मंत्री नियुक्त किया गया. कनाडाई पीएम ने हाल ही में पुन: निर्वाचित लिबरल सरकार के गठन के तहत अनीता का विदेश मंत्री बनाया है.
ट्रुडो सरकार में भी रहीं मंत्री
बता दें, मार्क कार्नी इसी साल की शुरुआत में जस्टिन ट्रूडो की जगह प्रधानमंत्री बने. ट्रुडो सरकार में भी अनीता आनंद मंत्री रह चुकी हैं. पीएम मार्क कार्नी ने अब मेलोनी जोली की जगह अनीता आनंद को विदेश मंत्री बनाया है. जोली को अब उद्योग मंत्री बनाया गया है. अनीता आनंद विदेश मंत्री बनने से पहले रक्षा मंत्री भी रह चुकीं हैं. इसके साथ ही वह कनाडा सरकार में कई अहम पदों पर भी रह चुकी हैं.
हाथ में ‘गीता’ लेकर ली पद की शपथ
भारतीय मूल की अनीता आनंद का जन्म भारत में नहीं हुआ है. मगर उनके माता-पिता भारतीय हैं. उनके पिता तमिलनाडु के हैं. वहीं, उनकी मां पंजाब की. शादी के बाद दोनों दंपति कनाडा में जाकर बस गए. अनीता के दादा भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे. अनीता आनंद कनाडा की पहली हिंदू महिला सांसद और कैबिनेट मंत्री हैं. उन्होंने कनाडा के संसद में हिंदू ग्रंथ ‘गीता’ पर हाथ रखकर विदेश मंत्री पद की शपथ ली है.
शपथ का वीडियो वायरल
अनीता के शपथ का ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. अनीता ने पवित्र हिंदू ग्रंथ गीता पर हाथ रखकर पद एवं गोपनीयता की शपथ लेते हुए कहा- ‘मैं कनाडा की विदेश मंत्री के तौर पर चुने जाने को लेकर सम्मानित महसूस करती हूं. मैं प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ मिलकर काम करने और एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाने के लिए हमारी टीम के साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हूं.’
58 वर्षीय अनीता आनंद का जन्म और पालन-पोषण केंटविल, नोवा स्कोटिया में हुआ. शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से लेकर ऑक्सफोर्ड तक का सफर तय किया. 2019 में जब वे ओकविल से सांसद बनीं, तब वे हाउस ऑफ कॉमन्स में पहली हिंदू महिला थीं.
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रक्षा मंत्री बन कनाडाई सेना का किया आधुनिकीकरण
अनीता ने 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित की. उन्हें लाखों खुराक की खरीद के लिए वैश्विक सराहना मिली. इसके बाद वे राष्ट्रीय रक्षा मंत्री बनीं और उन्होंने न केवल कनाडाई सेना के आधुनिकीकरण पर काम किया, बल्कि यूक्रेन संकट के दौरान सैन्य समर्थन का नेतृत्व भी किया. अब विदेश मंत्री के रूप में उन्हें अमेरिका के साथ व्यापार और सुरक्षा के जटिल संबंधों को संभालना है.