Bihar Election: प्रशांत किशोर का चुनाव लड़ने का ऐलान, PK के चेहरे पर बिहार में जन सुराज कर पाएगी ‘खेला’?
प्रशांत किशोर
Bihar Election 2025: चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है. सभी पॉलिटिकल पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. इस बार ये चुनाव रोचक होने वाला है. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर चुनाव लड़ेंगे. पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस बात की घोषणा की है. उन्होंने ये भी बताया कि 9 अक्टूबर को उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी.
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वोट- प्रशांत किशोर
उम्मीदवारों के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रत्याशियों की लिस्ट में मेरा भी नाम होगा. उन्होंने आगे कहा कि कई नाम आश्चर्यों से भरे होंगे. चुनाव लड़ने की बात की पुष्टि खुद प्रशांत किशोर ने की है. पार्टी की जीत को लेकर पूछ गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को 28 फीसदी वोट मिलेंगे, जिन्होंने ना तो NDA और ना ही इंडिया ब्लॉक को दिया हो. उन्होंने ये भी कहा कि इस बार बिहार की जनता किसी नेता या दल के लिए नहीं बल्कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वोट करेगी.
जन सुराज को मिलेंगे 28 फीसदी वोट
जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए और इंडिया ब्लॉक को मिलाकर 72 फीसदी वोटिंग हुई थी. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों की राजनीतिक बंधुआ मजदूरी खत्म होने की तारीख का ऐलान हो गया है. अगर दोनों गठबंधनों का 10-10 फीसदी वोट का नुकसान होता है तो ये वोट जन सुराज से जुड़ जाएगा. वैसे तो पार्टी को 28 फीसदी वोट मिलेंगे लेकिन दोनों गठबंधनों का वोट कटकर जन सुराज में जुड़ेगा तो 48 फीसदी हो जाएगा.
भ्रष्टाचार को बनाया मुख्य मुद्दा
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार में मंत्री और एनडीए नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी पर करप्शन के आरोप लगाए हैं. वहीं, NDA नेताओं ने प्रशांत किशोर के आय के स्त्रोत पर सवाल खड़े किए हैं. इस पलटवार करते हुए जन सुराज के संस्थापक ने कहा कि मैंने जो परामर्श सेवाएं दी, उससे जो पैसा मिला. उसी का इस्तेमाल चुनाव में किया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि मेरे सभी पैसे पर सरकारी निगरानी है.
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उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दों को गांव-गांव तक पहुंचाया है. गांव में जाकर उन्होंने जागरूकता अभियान भी चलाया, जिससे लोग बड़ी संख्या में लोग जुड़े. पटना समेत कई शहरों में आयोजित रैलियों में बड़ी संख्या में लोग दिखे. उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की शिक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. वे लगातार बेरोजगारी, एजूकेशन, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहे हैं.