चिराग-मांझी और सहनी की डिमांड ने बढ़ाई परेशानी… NDA और ‘इंडिया’ ब्लॉक में सीट बंटवारे की ‘अधूरी कहानी’

Bihar Election 2025: चिराग पासवान भी 20-22 सीटों वाले फॉर्मूले पर राजी नहीं हैं. पार्टी 40 सीटों की डिमांड कर रही है और इस कारण बातचीत अटकी हुई है.
BIhar election 2025

बिहार चुनाव 2025 (फोटो-विस्तार न्यूज)

Bihar Election 2025: बिहार में एनडीए और इंडिया ब्लॉक में सीटों पर सहमति नहीं बन पा रही है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भी बैठकों का दौर जारी है लेकिन अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है कि कौन सी पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी. भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और यूपी के उपमुख्यमंत्री और सह-प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य पटना स्थित पार्टी कार्यालय में भाजपा चुनाव समिति की बैठक के लिए पहुंचे थे. इस दौरान केपी मौर्य का कहना था कि कोई नाराज़ नहीं है, सब खुश हैं और सब खुश रहेंगे. लेकिन, बयानों से इतर ऐसा लगता नहीं है कि सबकुछ ठीक है. ‘हम’ के प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘कृष्ण की चेतावनी’ के जरिए एनडीए के वरिष्ठ सहयोगियों को संदेश देने की कोशिश की है.

‘HAM’ को 15 से कम सीटें नहीं चाहिए

जीतन ने कहा, “हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही ख़ुशी से खाएंगें, परिजन पे असी ना उठाएंगे.” इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं कि मांझी बिहार में 15 सीटों की मांग कर रहे हैं और इससे कम कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं है. हालांकि, कुछ देर पहले ही उन्होंने कहा था कि सीट बंटवारे में कोई पेंच नहीं है. उनका कहना था कि पार्टी को मान्यता के लिए जरूरी सीटें मिल जाएं क्योंकि वे सीएम या डिप्टी सीएम पद की मांग नहीं कर रहे हैं. लेकिन उसके कुछ देर बाद ही मांझी ने पोस्ट कर एनडीए खेमे को टेंशन दे दी है.

40 सीटों की मांग कर रहे चिराग

वहीं, चिराग पासवान भी 20-22 सीटों वाले फॉर्मूले पर राजी नहीं हैं. पार्टी 40 सीटों की डिमांड कर रही है और इस कारण बातचीत अटकी हुई है. इसको लेकर चिराग ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ में भी पीछे नहीं रहने वाले हैं. सोशल मीडिया पर चिराग ने एक पोस्ट करके अपना संदेश देने की कोशिश भी की है. चिराग ने लिखा है, ‘पापा हमेशा कहा करते थे —जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत…जीना है तो मरना सीखो…कदम-कदम पर लड़ना सीखो.’

चिराग का इशारा साफ है कि कम सीटों (अन्याय) पर वे मानने वाले नहीं हैं और इसके लिए वे लड़ाई लड़ेंगे. चिराग ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की बात करते हैं और वे अपने पिता की तरह राजनीतिक मुद्दों को लेकर लचीले नहीं हैं. यही वजह है कि चिराग के तेवर ने एनडीए की परेशानी बढ़ा दी है.

सहनी की डिमांड ने बढ़ाई इंडिया ब्लॉक की मुश्किलें

दूसरी तरफ, इंडिया ब्लॉक में भी चीजें सरल नहीं हैं. एनडीए खेमा जहां सीएम फेस को लेकर नीतीश कुमार के नाम पर सहमत नजर आ रहा है, वहीं इंडिया ब्लॉक में इस पर भी सहमति नहीं बन पाई है. साथ ही ‘वीआईपी’ वाले मुकेश सहनी डिप्टी सीएम की मांग पर अड़े हैं, जबकि कांग्रेस इस पर सहमत नहीं हैं. सहनी की एक और मांग है कि उनको 25 सीटें दी जाएं. सूत्रों के मुताबिक, राजद ने सहनी को 18 सीटों का ऑफर दिया है लेकिन उनको ये डील मंजूर नहीं है. सहनी हर हाल में बिहार चुनाव में ‘बड़े प्लेयर’ बनना चाहते हैं.

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सीपीआई-एमएल 30 सीटों पर अड़ी

सहनी के अलावा सीपीआई (एमएल) ने भी इंडिया ब्लॉक को परेशानी में डाल दिया है. सीपीआई (एमएल) की 30 सीटों को लेकर बातचीत चल रही है, जो अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. पार्टी ने पिछली बार 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन अबकी बदले समीकरणों का हवाला देकर पार्टी अधिक सीटों की मांग कर रही है. दिलचस्प बात ये है कि पार्टी की नजरें उन सीटों पर भी है जहां से परंपरागत तौर पर राजद अपना उम्मीदवार उतारती रही है.

अब दोनों खेमों के सामने मुश्किल ये है कि किसकी मांग पूरी करें, किसकी नहीं. सीट बंटवारे पर ये पेंच भी ऐसे वक्त में फंसा है जब चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और कुछ दिनों में पहले चरण के लिए नामांकन भी शुरू होने वाले हैं. लेकिन, टिकट के लिए दावेदारों की बात तो दूर, उक्त पार्टी को कौन सी सीटें मिलने वाली हैं, इसकी कहानी ही अभी ‘अधूरी’ नजर आ रही है.

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