Patna Metro: बिहार वासियों को जल्द मिलेगी पटना मेट्रो की सौगात, 15 अगस्त तक होगी शुरू, जानें किस रूट पर होगा परिचालन

Patna Metro: जल्द ही बिहारवासियों को पटना मेट्रो की सौगात मिलने वाली है. राज्य सरकार ने 15 अगस्त 2025 तक पटना मेट्रो के पहले चरण का परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा है.
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पटना मेट्रो

Patna Metro: बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. जल्द ही बिहारवासियों को इसकी सौगात मिलने वाली है. राज्य सरकार ने 15 अगस्त 2025 तक पटना मेट्रो के पहले चरण का परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा है. यह कदम पटना की बढ़ती ट्रैफिक समस्या को कम करने और शहर को आधुनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

नीतीश का सपना जल्द धरातल पर

बिहारवासियों को मेट्रो की सुविधा मिले ये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना रहा है. जो अब जल्द ही धरातल पर आने वाला है. कोरोना महामारी के कारण पटना मेट्रो के काम में काफी रुकावट आई थी. लेकिन अब ये जल्द ही शुरू होंने जा रहा है. पटना मेट्रो परियोजना के प्राथमिक कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी) का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने हाल ही में निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. वर्तमान में ट्रैक बिछाने, स्टेशन निर्माण और डिपो तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है, जिसके तहत 15 अगस्त तक परिचालन शुरू करने की योजना है. 6.5 किलोमीटर के पहले कॉरिडोर में 90% से अधिक सिविल वर्क पूरा हो चूका है. 15 जुलाई तक ट्रायल रन, और फिर 15 अगस्त को औपचारिक उद्घाटन कर इसे शुरू कर दिया जाएगा.

जानें पटना मेट्रो का रूट

पहले चरण में मेट्रो का परिचालन मलाही पकड़ी से न्यू ISBT तक होगा. जो लगभग 6.5 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इस रूट पर पांच एलिवेटेड स्टेशन बनाए गए हैं, जो पटना की व्यस्त और तेजी से विकसित हो रही बाईपास जोन को कवर करेंगे. स्टेशन इस प्रकार होंगे- मलाही पकड़ी – जीरो माइल – खगौल मोड़ – न्यू बाईपा – न्यू ISBT.

यह रूट लंबी दूरी की बस सेवाओं और आवासीय क्षेत्रों से जुड़ेगा, जिससे यात्रियों को सुविधा होगी.

सुविधाएं और क्षमता

पटना मेट्रो में आधुनिक सुविधाओं से लैस कोच होंगे, जिसमें एयर कंडीशनिंग, CCTV, Wi-Fi और मोबाइल चार्जिंग सॉकेट शामिल हैं. शुरुआती चरण में तीन रेक संचालित होंगे, जिनमें प्रत्येक में लगभग 150 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी. अधिकतम छह कोच के साथ परिचालन होगा. किराया 10 से 60 रुपये के बीच होने का अनुमान है. स्टेशनों पर कैफेटेरिया और शॉपिंग एरिया भी विकसित किए जा रहे हैं.

उद्घाटन और भविष्य की योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से 15 अगस्त को पटना मेट्रो के उद्घाटन की संभावना जताई जा रही है. इसके बाद मेट्रो का विस्तार तख्त हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा से पटना एयरपोर्ट और पटना जंक्शन तक करने की योजना है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) और राज्य सरकार मिलकर इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं.

जनता की प्रतिक्रिया

पटनावासियों में मेट्रो को लेकर उत्साह है, क्योंकि यह शहर की ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या को कम करने में मददगार साबित होगा. सोशल मीडिया पर लोग इसकी शुरुआत को बिहार के विकास का प्रतीक बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग समय पर पूरा होने को लेकर आशंकाएं भी जता रहे हैं.

पटना मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर और लागत

पटना मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर की बात करें तो ये पटना के उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर जो की ब्लू लाइन होगी. इसकी लंबाई 14.45 किलोमीटर रहेगा. ये पटना जंक्शन से न्यू ISBT तक होगा.

इसमें कुल 12 स्टेशन, जिनमें 5 एलिवेटेड और 7 भूमिगत स्टेशन शामिल हैं. इसमें प्रमुख स्टेशन- पटना जंक्शन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, PMCH (पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल), राजेंद्र नगर, नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (NMCH), कुम्हरार, गांधी सेतु, जीरो माइल, भूतनाथ, मलाही पकड़ी और न्यू ISBT शामिल है.

कॉरिडोर-2 में लगभग 9.35 किलोमीटर का भूमिगत हिस्सा है, जिसमें मोइनुल हक स्टेडियम से मलाही पकड़ी तक टनल की खुदाई का कार्य अंतिम चरण में है. पटना यूनिवर्सिटी से PMCH तक 975 मीटर की सुरंग तैयार हो रही है, जिसमें 750 रिंग लगाए गए हैं.

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न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के पास पैजावा, संपतचक में SH-1, बैरिया चक में एक डिपो बनाया जा रहा है, जो दोनों कॉरिडोर के लिए उपयोग होगा. डिपो की अनुमानित लागत 143 करोड़ रुपये है और इसका निर्माण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है.

पटना मेट्रो की कुल लागत लगभग 19,500 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण लागत शामिल है. पहले चरण की लागत 13,365.77 करोड़ रुपये (भूमि अधिग्रहण लागत को छोड़कर), जिसमें जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) से 5,520.93 करोड़ रुपये (98,612 मिलियन येन) का ऋण शामिल है, जो कुल लागत का 60% है.

कॉरिडोर-2 के लिए छह भूमिगत स्टेशनों (राजेंद्र नगर, मोइन उल हक स्टेडियम, विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, गांधी मैदान, आकाशवाणी) के डिजाइन और निर्माण के लिए लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को 1,989 करोड़ रुपये का अनुबंध मिला.

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