Bihar SIR: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में बढ़ी हलचल, तीन लाख वोटरों पर गिरी गाज, EC ने दिया नोटिस
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Bihar SIR: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की विशेष गहन संशोधन यानी SIR प्रक्रिया के तहत तीन लाख वोटरों को उनके दस्तावेजों में कथित अनियमितताओं के लिए नोटिस जारी किया गया है. यह कदम बिहार के मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए उठाया गया है, जिसमें मृत, प्रवासी और डुप्लिकेट वोटरों की पहचान की जा रही है. इस प्रक्रिया ने विपक्षी दलों के बीच विवाद को जन्म दिया है, जो इसे मतदाताओं को वोटिंग से वंचित करने की साजिश बता रहे हैं.
चुनाव आयोग ने इसी साल बिहार में 24 जून को SIR की प्रक्रिया शुरू की है. इस प्रक्रिया के तहत, लगभग तीन लाख मतदाताओं को उनके दस्तावेजों में अनियमितताओं के लिए नोटिस जारी किए गए हैं. इन अनियमितताओं में गलत पते, डुप्लिकेट पंजीकरण और अपर्याप्त दस्तावेज शामिल हैं. आयोग के मुताबिक, 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 98.2% ने अपने दस्तावेज जमा किए, लेकिन तीन लाख मतदाताओं के दस्तावेजों में खामियां पाई गईं हैं.
आयोग ने भेजा नोटिस
आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस प्राप्त करने वाले मतदाताओं को अपनी पहचान और निवास साबित करने के लिए 11 निर्धारित दस्तावेजों में से एक जमा करना होगा. विपक्षी दल, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को ‘वोटबंदी’ करार देते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है. उनका दावा है कि यह कवायद विशेष रूप से गरीब, प्रवासी मजदूरों और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बना रही है, जिनके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं.
आयोग ने इन वोटरों को भेजा नोटिस
रविवार, 24 अगस्त को चुनाव आयोग ने एक जारी बयान में बताया था कि अब तक 98.2 फीसदी वोटरों ने अपने दस्तावेज सौंपे हैं. लेकिन इस बीच ERO ने जानकारी दी है कि कुछ ऐसे वोटर भी सामने आए हैं जिन्होंने या तो कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिए हैं या फिर उनकी तरफ से गलत दस्तावेज दिए गए हैं. उन लोगों को भी नोटिस गया है जिनकी नागरिकता सवालों में है.
नोटिस में लिखा हुआ है कि आपके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान ऐसा प्रतीत होता है कि आपके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में विसंगतियां हैं जिससे इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजिकृत होने के आपके अधिकार पर यथोचित संदेह उत्पन होता है. वैसे अभी के लिए चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना सवाल-जवाब या फिर स्पष्टीकरण के किसी भी वोटर का नाम लिस्ट से नहीं हटाया जाएगा, सभी को पूरा मौका मिलेगा.
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65 लाख वोटरों के नाम हटे
चुनाव आयोग ने 25 जुलाई तक 99.8% मतदाताओं को कवर किया, जिसमें 7.23 करोड़ मतदाता फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज किए गए. इस दौरान 22 लाख मृत, 7 लाख डुप्लिकेट और 35 लाख प्रवासी या अनट्रेसेबल मतदाताओं की पहचान की गई. तीन लाख मतदाताओं को नोटिस उनके दस्तावेजों में गड़बड़ी के कारण जारी किए गए हैं और उन्हें 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने का समय दिया गया है.