‘CJI को इलेक्शन कमिश्नर के सिलेक्शन पैनल से क्यों हटाया गया?’, लोकसभा में राहुल गांधी ने सरकार से किए 3 सवाल

Rahul Gandhi in Parliament: राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने ऐसा कानून क्यों बनाया है, जिसके तहत चुनाव आयोग 45 दिनों के बाद फुटेज नष्ट कर सकता है.
Rahul Gandhi questions government on removal of CJI from Election Commissioner selection panel in Lok Sabha

लोकसभा में राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला.

Rahul Gandhi in Parliament: संसद में शीतकालीन सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही मंगलवार को जारी है. संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने सरकार से 3 सवाल किए.

‘CJI को इलेक्शन कमिश्नर के सिलेक्शन पैनल से क्यों हटाया गया?’

लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं सबसे पहले 3 सवाल पूछना चाहता हूं. जिससे क्लियर हो जाएगा कि बीजेपी सीधे तौर पर इलेक्शन कमीशन को निर्देश दे रही है और इसका इस्तेमाल कर रही है. मेरा पहला सवाल है कि सीजेआई को इलेक्शन कमिश्नर के सिलेक्शन पैनल से क्यों हटाया गया. पैनल से सीजेआई को हटाने के पीछे क्या वजह है. क्या हमको सीजेआई पर विश्वास नहीं है. जाहिर सी बात है कि हम सीजेआई पर विश्वास करते हैं. तो फिर वो उस कमरे में क्यों नहीं थे.’

‘मैं कमरे में था लेकिन मेरी कोई आवाज नहीं थी’

राहुल गांधी ने CJI को इलेक्शन कमिश्नर के सिलेक्शन पैनल से हटाने को लेकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया. राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे उस कमरे में बिठाया गया था. ये कथित रूप से लोकतांत्रिक फैसला था. एक तरफ पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह थे. दूसरी तरफ मैं यानी नेता प्रतिपक्ष था. लेकिन मेरी वहां कोई आवाज नहीं थी.’

‘सरकार ने इलेक्शन कमिश्नर को लेकर नियम बदल दिया’

राहुल गांधी ने लोकसभा में दूसरा सवाल पूछते हुए कहा, ‘भारत के इतिहास में ऐसा किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया, जैसा प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. इस सरकार ने दिसंबर 2023 में नियमों में बदलाव कर दिया कि कोई भी इलेक्शन कमिश्नर अगर कोई भी फैसला लेता है तो पद पर रहते हुए उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं जा सकेगी. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने ऐसा क्यों किया?’

राहुल गांधी ने तीसरा सवाल करते हुए कहा कि सरकार ने ऐसा कानून क्यों बनाया है, जिसके तहत चुनाव आयोग 45 दिनों के बाद फुटेज नष्ट कर सकता है.

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