इन हाउस रिपोर्ट के आधार पर CJI ने जस्टिस वर्मा से इस्तीफा मांगा था, इनकार करने पर हटाने की सिफारिश की
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Justice Yashwant Varma: कैशकांड में पूर्व CJI संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा से इस्तीफा देने के लिए कहा था. ये बात ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए बताई है. जानकारी के मुताबिक जब जस्टिव वर्मा ने इस्तीफा देने से मना कर दिया तो पूर्व CJI ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश की थी.
प्रस्ताव लाकर हटाए गए तो नहीं मिलेगी पेंशन
जानकारों के मुताबिक अगर अभी भी जस्टिस वर्मा खुद इस्तीफा दे दते हैं तो उन्हें रिटायर्ड जज की तरह पेंशन मिलेगी. लेकिन अगर संसद में प्रस्ताव लाकर उन्हें हटाया गया तो पेंशन के साथ ही उन्हें कोई भी अन्य लाभ नहीं मिलेगा.
कैशकांड में विवाद के बाद जस्टिस वर्मा को उनके पैरेंट कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला कर दिया गया था.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा पर आरोप लगे हैं कि नई दिल्ली स्थित उनके आधिकारिक निवास से भारी मात्रा में नकदी मिली थी. 14 मार्च को उनके निवास के एक स्टोर रूम में आग लगी थी, जहां पर कथित तौर पर उनके घर से बड़ी मात्रा में कैश मिला था.
हालांकि, फायर ब्रिगेड ने पहले कहा कि कोई कैश नहीं मिला. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक वीडियो सार्वजनिक किया था, जिसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि बोरे में जले हुए नोट हैं
2018 में भी घाटाले में आया था नाम
जस्टिस वर्मा के खिलाफ 2018 में गाजियाबाद की सिंभावली शुगर मिल में गड़बड़ी मामले में CBI ने FIR दर्ज की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुगर मिल ने किसानों के लिए जारी किए गए 97.85 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया है. उस वक्त जस्टिस वर्मा कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे. हालांकि मामले में जांच में कोई खास निष्कर्ष नहीं निकलने के बाद जांच बंद हो गई थी.
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