अंकिता भंडारी हत्याकांड में नया सियासी तूफ़ान, ऑडियो के बाद कांग्रेस का बड़ा हमला, VVIP एंगल की दोबारा जांच की मांग

Ankita Bhandari Murder Case: कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी से दोबारा जांच कराई जाए,
Ankita Bhandhari

अंकिता भंडारी (फाइल फोटाे)

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सियासत एक बार फिर तेज हो गई है. मंगलवार को इस मामले में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फेंस कर सीधे भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए है और केस की दोबारा जांच (Reinvestigation) की मांग को और धार दे दी.

कांग्रेस ने कहा कि जिस VVIP एंगल की शुरुआत से चर्चा थी, उसे जानबूझकर दबाया गया और अब सामने आए नए ऑडियो ने सरकार और जांच एजेंसियों की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.

अंकिता भंडारी हत्‍याकांड की पूरी सच्‍चाई क्‍या?

कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि 18 दिसंबर 2022 को हुई अंकिता भंडारी की हत्या में भले ही एक भाजपा नेता के बेटे समेत तीन दोषियों को सज़ा मिल गई हो, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या पूरी सच्चाई सामने आई?

पार्टी का आरोप है कि जांच को एक सीमित दायरे में रखकर प्रभावशाली लोगों को बचाया गया. कांग्रेस ने कहा कि अब ज्वालापुर से पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर और उनकी कथित दूसरी पत्नी उर्मिला की बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद सरकार के पास चुप रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

ऑडियो के हवाले से दुष्यंत गौतम पर आरोप

कांग्रेस के मुताबिक, इस ऑडियो में सुरेश राठौर कथित तौर पर दुष्यंत कुमार गौतम का नाम लेते हैं, जो वर्तमान में राज्यसभा सांसद, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड प्रभारी हैं. आरोप है कि अंकिता की हत्या वाली रात दुष्यंत गौतम उसी रिज़ॉर्ट में मौजूद थे, जहाँ यह घटना हुई. कांग्रेस ने इसे बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि यदि यह दावा सही है, तो अब तक की पूरी जांच प्रक्रिया कटघरे में खड़ी हो जाती है.

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि ऑडियो में अनैतिक संबंधों को लेकर विवाद की बात सामने आती है और यह दावा किया गया है कि एक भाजपा नेत्री के पास पार्टी के वरिष्ठ नेता से जुड़े ऑडियो-वीडियो मौजूद हैं. कांग्रेस ने सवाल उठाया कि अगर ऐसे सबूत मौजूद थे, तो उन्हें जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया.

कांग्रेस ने दोबारा जांच की उठाई मांग

कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी से दोबारा जांच कराई जाए, ताकि यह साफ़ हो सके कि VVIP एंगल को क्यों और कैसे दबाया गया. पार्टी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मामले को दबाने की कोशिश की, तो इसे सड़क से लेकर संसद तक उठाया जाएगा.

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वहीं, ऑडियो सामने आने के बाद उर्मिला अपने आरोपों पर कायम हैं और उन्होंने भी री-इन्वेस्टिगेशन की मांग का समर्थन किया है. दूसरी ओर, भाजपा की तरफ़ से अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट और आधिकारिक जवाब सामने नहीं आया है. अब अंकिता भंडारी केस एक बार फिर सिर्फ़ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक और नैतिक सवालों का मामला बन गया है. देखना यह होगा कि जिस VVIP एंगल की बात केस के शुरू में सामने आई थी, उसका खुलासा हो पाएगा या नहीं.

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