फरीदाबाद में एक्शन से दशहत में था डॉक्टर उमर, पकड़े जाने के डर से बनाया ब्लास्ट का प्लान! जैश से जुड़ रहे तार

Delhi Blast: जिस i-20 कार से ब्लास्ट को अंजाम दिया गया, वह गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी और इसका नंबर HR 26 7624 था. यह कार मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी.
Delhi Blast

दिल्ली ब्लास्ट (फोटो -विस्तार न्यूज

Delhi Blast: दिल्ली में सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ धमाका आतंकी हमले की तरफ इशारा कर रहा है. i-20 कार में हुए धमाके में 12 लोगों की जान चली गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए. ये धमाका इतना जबरदस्त था कि मौके पर ही 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. धमाके की इंटेंसिटी इससे समझी जा सकती थी कि कई लाशें टुकड़ों में बिखरी थीं. दिल्ली में हुए इस धमाके के तार फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से भी जुड़ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों की तफ्तीश फिदायीन हमले की तरफ इशारा कर रही है.

उमर की तलाश में जुटी थीं एजेंसियां

जांच एजेंसियों को शक है कि धमाके वाली कार डॉक्टर उमर चला रहा था. इसकी पुष्टि के लिए अब डीएनए टेस्ट कराया जाएगा ताकि सच्चाई सामने आ सके. सीसीटीवी फुटेज के सामने आने के बाद इस बात का शक जताया जा रहा है कि डॉक्टर उमर कार ड्राइव कर रहा था और वह काले मास्क की आड़ में अपना चेहरा छिपाने की कोशिश कर रहा था. फरीदाबाद में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट बरामद होने के बाद उमर फरार चल रहा था और उसकी तलाश में जांच एजेंसियां लगातार जुटी हुई थीं.

उमर को पकड़े जाने का डर सता रहा था

सूत्रों के मुताबिक, उमर अकेले कार लेकर दिल्ली में दाखिल हुआ था. फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में छापेमारी के बाद वह डर गया था कि किसी भी वक्त जांच एजेंसियां उसे दबोच सकती हैं. इसी डर में उसने कार ब्लास्ट करने का प्लान बनाया. लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास i-20 कार में ब्लास्ट हुआ और देखते ही देखते अगल-बगल खड़ी कई गाड़ियां जल उठीं. यहां तक कि धमाके के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट के शीशे तक चकनाचूर हो गए थे.

Delhi Blast near lal quila cctv footage before blast terrorist doctor umar on car driving seat
दिल्ली धमाके से पहले का सीसीटीवी फुटेज आया सामने

बदरपुर के रास्ते दिल्ली में दाखिल हुई थी कार

ब्लास्ट के बाद कार से जुड़ी जानकारी के लिए सीसीटीवी खंगाले जाने लगे, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कई सीसीटीवी की मदद से रूट का मैपिंग किया. इससे जानकारी निकलकर सामने आई कि धमाके में इस्तेमाल हुई I-20 कार बदरपुर के रास्ते दिल्ली में दाखिल हुई थी. सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, तीन बजे कार लाल किले के पास पहुंची और सुनहरी मस्जिद के पास पार्किंग में 3 बजकर 19 मिनट पर दाखिल हुई. इसके बाद करीब तीन घंटे तक पार्किंग में कार खड़ी रही. यहां से कार शाम 6:48 मिनट पर निकली और इसी के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के नजदीक ब्लास्ट हुआ.

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दिल्ली धमाके में कार के उड़े परखच्चे

उमर तक कैसे पहुंची कार?

जिस i-20 कार से ब्लास्ट को अंजाम दिया गया, वह गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी और इसका नंबर HR 26 7624 था. यह कार मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी. इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने सलमान को उठा लिया और पूछताछ की जाने लगी, जिसके बाद उसने बताया कि कार को उसने ओखला निवासी देवेंद्र को बेच दिया था. वहीं देवेंद्र ने पूछताछ में बताया कि कार अंबाला में बेच दी थी और अंबाला वाले युवक ने पुलवामा के तारिक को कार बेच दी. तारिक की एक फोटो भी सामने आई है जो कार खरीदने के दौरान की बताई जा रही है. इसके बाद तारिक से उमर तक ये कार पहुंची.

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फरीदाबाद से बरामद हुआ था विस्फोटक

दिल्ली ब्लास्ट के बाद इसका कनेक्शन खतरनाक अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी से भी जुड़ा हो सकता है. दरअसल, एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 2,900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया था. यह बरामदगी जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के दौरान हुई थी. वहीं कार में जिस तरह से ब्लास्ट हुआ, वह जैश जैसे आतंकी संगठनों का ही मोडस ऑपरेंडी रहा है.

जैश से जुड़ रहे तार!

फिलहाल, दिल्ली धमाके ने एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. इसके तार जम्मू में गिरफ्तार आरोपी जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय स्लीपर सेल से भी जुड़े हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, एजेंसियों का मानना है कि यह नेटवर्क शिक्षण संस्थानों और सोशल प्लेटफॉर्म्स के जरिए युवाओं को बरगलाने का काम कर रहा था. साथ ही इस बात का भी शक है कि खतरनाक केमिकल का कुछ हिस्सा दिल्ली तक पहुंचा था, जिसे स्थानीय मॉड्यूल ने ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल किया. हालांकि, जांच एजेंसियों की फरीदाबाद से लेकर पुलवामा तक छापेमारी जारी है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इसकी परतें खुलती जाएंगी.

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