ऑनलाइन सट्टेबाजी एप केस में ED ने कसा शिंकजा, टेक दिग्गज Google और Meta को भेजा नोटिस, जानिए क्या है आरोप
ईडी ने गूगल और मेटा को पूछताछ का नोटिस भेजा
Online Betting: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में टेक दिग्गज गूगल और मेटा (Google and Meta) को नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई है, जिसमें दोनों कंपनियों से उनकी विज्ञापन नीतियों और अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने में उनकी कथित भूमिका के बारे में जवाब मांगा गया है. दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को 21 जुलाई को दिल्ली में पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
ED की जांच का उद्देश्य
ED की जांच का फोकस ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स जैसे जंगल रम्मी, A23, जीतविन, परिमैच, और लोटस365 पर है, जो ‘स्किल-बेस्ड गेम्स’ के नाम पर अवैध जुआ को बढ़ावा दे रहे हैं. इन ऐप्स पर मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला लेनदेन और अन्य वित्तीय अपराधों में शामिल होने का आरोप है. ईडी ने पाया कि गूगल और मेटा के प्लेटफॉर्म्स ने इन ऐप्स को विज्ञापनों और सर्च रिजल्ट्स में प्रमुखता देकर उनके प्रसार में मदद की.
Google और Meta पर आरोप
ED का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपनी विज्ञापन नीतियों का उल्लंघन करते हुए अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को प्रचारित किया. गूगल ने 2022 में दावा किया था कि वह जुआ और सट्टेबाजी से संबंधित विज्ञापनों की अनुमति नहीं देता, लेकिन जांच में सामने आया कि कई ऐप्स को गूगल सर्च और यूट्यूब पर पेड विज्ञापनों के माध्यम से बढ़ावा दिया गया. इसी तरह, मेटा के प्लेटफॉर्म्स फेसबुक और इंस्टाग्राम पर इन ऐप्स के विज्ञापन और इन्फ्लुएंसर द्वारा प्रचार करते देखा गया, खासकर आईपीएल जैसे बड़े खेल आयोजनों के दौरान.
मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का जाल
जांच में पता चला है कि ये सट्टेबाजी ऐप्स अवैध फंड्स को हवाला चैनलों के माध्यम से देश-विदेश में स्थानांतरित कर रहे हैं. ईडी ने विशाल अग्निहोत्री, धवल देवराज जैन, और मयूर पड्या जैसे व्यक्तियों की पहचान की है, जो लोटसबुक और 11Starss जैसे प्लेटफॉर्म्स के संचालन में शामिल थे. इन ऐप्स ने कथित तौर पर करोड़ों रुपये के अवैध लेनदेन को अंजाम दिया, जिसे क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के जरिए छिपाया गया.
सेलिब्रिटीज भी जांच के दायरे में
ED ने हाल ही में तेलुगु राज्यों में 29 मशहूर हस्तियों और इन्फ्लुएंसरों के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की. इनमें विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल और प्रणिता सुभाष जैसे नाम शामिल हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध ऐप्स का प्रचार किया, जो पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 का उल्लंघन है.
हालिया छापेमारी और जब्ती
ED ने मुंबई में चार स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें 3.3 करोड़ रुपये की नकदी, लक्जरी घड़ियां, आभूषण, विदेशी मुद्रा और लक्जरी वाहन जब्त किए गए. यह कार्रवाई डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े एक बड़े रैकेट के खिलाफ थी. यह पूरी जांच मध्य प्रदेश के इंदौर में इसी साल 9 जनवरी को दर्ज एक FIR पर आधारित है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2) और 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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ऑनलाइन सट्टेबाजी का बढ़ता बाजार
डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच चार प्रमुख सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स- परिमैच, स्टेक, 1xBet, और बैटरी बेट ने 1.6 बिलियन विजिट्स दर्ज किए. इनमें से 42.8 मिलियन विजिट्स सोशल मीडिया के माध्यम से आए, जिनमें पेड विज्ञापन और इन्फ्लुएंसर प्रचार शामिल थे. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ बार-बार चेतावनी जारी की है, लेकिन अवैध ऑपरेटर नई रणनीतियों के साथ पाबंदियों से बच रहे हैं.