‘वोट चोरी’ और बिहार SIR पर घमासान के बीच EC की कल प्रेस कॉन्फ्रेंस, विपक्ष के आरोपों का मिलेगा जवाब?

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उन तमाम लोगों के नाम देने को कहा है, जिनके बारे में कांग्रेस नेता का दावा है कि उक्त नाम गलत जोड़े गए या हटाए गए हैं.
Election Commission

चुनाव आयोग

Election Commission: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बाद देश में राजनीति गरमाई रही है. दोनों ही मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर निशाना साधता रहा है. खासकर, राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाने के साथ चुनाव आयोग पर हमलवार रहे हैं. वहीं, राहुल के आरोपों को ईसी खारिज कर चुका है. इस बीच, खबर है कि चुनाव आयोग दिल्ली में रविवार दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगा. दरअसल, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद यह पहला मौका होगा जब चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फेंस करेगा. हालांकि, चुनाव आयोग ने विषय स्पष्ट नहीं किया है जिसके बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि कल होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस किस मुद्दे को लेकर होगी.

‘वोट चोरी’ पर आर-पार के मूड में कांग्रेस

‘वोट चोरी’ के आरोपों पर राहुल गांधी के तीखे तेवर देखने को मिले हैं. उन्होंने कुछ दिनों पहले ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वोट चोरी के आरोप लगाए थे और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. राहुल गांधी ने कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा था कि उसमें संदिग्ध वोटर मौजूद हैं. हालांकि, कर्नाटक को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री राजन्ना ने आपत्ति जाहिर की थी और कहा था कि जब वोटर लिस्ट तैयार की गई थी तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ही थी. राजन्ना का ये बयान मीडिया में चर्चा का विषय बन गया और बीजेपी ने भी इस बयान को हाथों-हाथ लिया था. लेकिन, इस बयान के कारण ही राजन्ना से इस्तीफा तक ले लिया गया था.

ईसी ने मांगा शपथ पत्र

दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उन तमाम लोगों के नाम देने को कहा है, जिनके बारे में कांग्रेस नेता का दावा है कि उक्त नाम गलत जोड़े गए या हटाए गए हैं. आयोग ने राहुल गांधी से उनके आरोपों पर हस्ताक्षर किए हुए शपथ पत्र की भी मांग की है. आयोग का कहना है कि अगर राहुल ऐसा नहीं करते हैं तो झूठे आरोप लगाकर देश को गुमराह करने के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

राहुल ने ईसी के खिलाफ खोला मोर्चा

उधर, राहुल गांधी अपने आरोपों से पीछे नहीं हट रहे हैं. पिछले दिनों, कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राहुल गांधी ने एक वेबसाइट लॉन्च की है और मिस्ड कॉल नंबर भी जारी किया. राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ को ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला बताया. साथ ही कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ़-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है. राहुल गांधी चुनाव आयोग से मांग कर रहे हैं कि पारदर्शिता दिखाते हुए डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक की जाए ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट कर सकें.

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बिहार SIR पर घमासान

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले SIR शुरू किया तो सियासी बवंडर उठ गया. विपक्ष का आरोप है कि आयोग के इस अभियान से बिहार में सीधे भाजपा को फायदा पहुंचेगा. हालांकि, ईसी ने स्पष्ट किया है कि SIR का उद्देश्य हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल करना और अपात्रों के नाम को सूची से हटाना है, लेकिन चुनाव आयोग के इस स्पष्टीकरण से विपक्ष संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है. विपक्षी दलों का आरोप है कि दस्तावेजों के अभाव में करोड़ों पात्र नागरिक वोट देने के अपने अधिकार से वंचित हो जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने ईसी को दिया निर्देश

इस मामले को लेकर संसद के मानसून सत्र में भी जमकर हंगामा हुआ है और कई दिन इस कारण सदन की कार्यवाही भी प्रभावित हुई है. प्रमुख विपक्षी दलों की एकजुटता के बीच सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई चल रही है. एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों का विवरण प्रकाशित करने को कहा है. इन तमाम उठापटक के बीच, अब चुनाव आयोग ने रविवार को नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फेंस बुलाई है, जिस पर सभी की नजरें टिकी हैं.

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