दिल्ली में बाढ़ का खतरा, खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना, हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी
दिल्ली में यमुना नदी का बढ़ा जलस्तर
Delhi Flood: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया है. केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने चेतावनी जारी की है कि 19 अगस्त की रात तक जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं. प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.
यमुना: खतरे की घंटी
यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. रविवार, 17 अगस्त की शाम 7 बजे पुराने रेलवे ब्रिज (लोहा पुल) पर जलस्तर 204.60 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर को पार कर चुका है. अनुमान है कि 19 अगस्त की रात तक यह 206 मीटर तक पहुंच सकता है, जिसके बाद निचले इलाकों में पानी प्रवेश करने की आशंका है.
#WATCH | यमुनानगर, हरियाणा | यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। (17.08) pic.twitter.com/pRL5PO1Nfz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 18, 2025
हथिनीकुंड बैराज से पानी का रिलीज
यमुना के बढ़ते जलस्तर का मुख्य कारण हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी है. इस सीजन में पहली बार बैराज से 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है. इसके अलावा, वजीराबाद बैराज से हर घंटे 45,620 क्यूसेक और ओखला बैराज से 54,017 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. यह पानी 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है. पहाड़ी क्षेत्रों जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने भी जलस्तर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
प्रशासन का अलर्ट
बाढ़ के खतरे को देखते हुए दिल्ली प्रशासन हाई अलर्ट पर है. केंद्रीय जल आयोग ने सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने और बाढ़ से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. निचले इलाकों जैसे यमुना खादर, यमुना बाजार, मजनू टीला, मोनिस्ट्री, और कश्मीरी गेट में रहने वाले लगभग 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है. प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविरों की व्यवस्था शुरू कर दी है, और पुलिस ने यमुना किनारे जाने वाले रास्तों पर चौकसी बढ़ा दी है. मुनादी के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है.
प्रभावित होने वाले इलाके
यदि यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो दिल्ली के निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, मजनू टीला, गीता कॉलोनी, कश्मीरी गेट, और डीएनडी क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर सकता है. इन क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग विशेष रूप से जोखिम में हैं. 2023 में यमुना का जलस्तर 207 मीटर को पार कर गया था, जिससे कई रिहायशी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस बार भी प्रशासन को ऐसी ही स्थिति से निपटने की तैयारी करनी पड़ रही है.
यह भी पढ़ें: CG Weather News: छत्तीसगढ़ में फिर बदला मौसम का मिज़ाज, आज से तेज बारिश के आसार, विभाग ने जारी किया अलर्ट
प्रशासन की जनता से अपील
प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम शुरू कर दिए हैं. बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे निगरानी की जा रही है, और पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है. दिल्ली पुलिस, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, और अन्य विभाग सिंचाई विभाग के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं. जनता से अपील की गई है कि वे यमुना नदी के किनारे न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.