ट्रंप ने 4 बार मिलाया फोन, PM मोदी ने नहीं दिया ‘भाव’, जर्मन अखबार का दावा- कई हफ्तों से US राष्ट्रपति कर रहे हैं कोशिश

FAZ के मुताबिक ट्रंप बार-बार भारत के प्रधानमंत्री को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके हैं.
PM Modi and President Trump.

PM मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप.

Trump Called PM Modi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने के बाद से भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास देखी जा रही है. इस बीच एक जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइन (FAZ) ने डोनाल्ड ट्रंप को लेकर बड़ा दावा किया है. जर्मन अखबार के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए 4 बार फोन मिलाया, लेकिन PM मोदी ने बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि भारत सरकार की तरफ से ऐसी कोई भी आधिकारिक बात नहीं कही गई है.

पिछल कुछ हफ्तों से ट्रंप कर रहे हैं बात करने की कोशिश

जर्मन अखबार के मुताबिक ट्रंप पिछले कुछ हफ्तों से प्रधानमंत्री मोदी से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात बन नहीं सकी. अखबार की रिपोर्ट में बताया गया कि इस समय PM मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति से नाराज हैं और काफी सतर्क हैं. FAZ के मुताबिक ट्रंप बार-बार भारत के प्रधानमंत्री को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके हैं.

ट्रंप की अनरगल बयानबाजी और टैरिफ ने भारत को नाराज किया!

पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बयानबाजी से भारत नाखुश था. कुछ दिनों पहले ट्रंप ने भारत को डेड इकॉनमी बताया था. इसके अलावा ट्रंप कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच में सीजफायर का दावा कर चुके हैं. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में साफ कर दिया था कि दुनिया के किसी भी व्यक्ति ने सीजफायर नहीं करवाया.

इसके अलावा ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो कि 29 अगस्त से शुरू हो जाएगा. इसके बाद से भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास देखी गई है.

अमेरिकी टैरिफ के कारण ‘RIC’ की अवधारणा पर हो रही चर्चा

ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने और पाकिस्तान को करीबी दिखाने के कारण भारत से दूरियां बढ़ने लगी हैं. भारत में अमेरिका के खिलाफ भावनाएं हो गई हैं. भारत के लोग एक बार फिर से कहने लगे हैं कि अब अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. जानकारों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप इस रणनीति पर रहे तो भारत, रूस और चीन के करीब जा सकता है. वहीं एक बार फिर RIC(रूस, भारत और चीन) तीनों देशों के एक साथ आने का पुराने विचार पर अब चर्चा होने लगी है. ये विचार 3 दशक पुराना है, जिसमें यूरेशिया(यूरोप और एशिया) की 3 बड़ी शक्तियों को साथ लाना है.

रूस और चीन तो RIC के पहले से ही हिमायती रहे हैं, लेकिन भारत ने हमेशा इस पर संतुलित प्रक्रिया दी है. लेकिन जिस तरह से अमेरिका का भारत के लिए रवैया और पाकिस्तान के लिए उदारवादी हो गया है. उसे देखते हुए भारत अब एक बार फिर अपने सबसे पुराने साथी रूस के और करीब जा सकता है. साथ ही पिछले कुछ महीनों से भारत के चीन के साथ भी रिश्ते सुधरते दिख रहे हैं. अगर दुनिया की तीन बड़ी ताकतें रूस, भारत और चीन एक साथ आते हैं, तो वर्ल्ड ऑर्डर चेंज होते हुए देखा जा सकता है.

ये भी पढ़ें: ‘मैं श्राप देता हूं कि अगले जन्म में कुत्ता बनोगे’, AGM की मीटिंग में शेयर होल्डर्स को आया इतना गुस्सा कि…Video

ज़रूर पढ़ें