Pakistan: ‘अमेरिका समेत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का स्वागत…’, पाकिस्तान का कश्मीर पर एक और पैंतरा
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफ़कत अली खान
Pakistan: शुक्रवार, 8 अगस्त को पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर से नया दांव खेला है. पाकिस्तान ने कहा है कि वह कश्मीर के मुद्दे पर समाधान के लिए अमेरिका या किसी अन्य देश की मध्यस्थता का स्वागत करेगा. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर विवाद के समाधान और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए किसी भी देश की सहायता का स्वागत करेगा. उन्होंने कश्मीर को दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के लिए केंद्रीय मुद्दा बताया.
क्या बोले शफकत अली ने…
अपने सप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान से पूछा गया कि कश्मीर मुद्दे में अमेरिका की रुचि के बारे में पूछा गया. इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा- ‘हम न केवल अमेरिका से, बल्कि किसी भी ऐसे देश से मदद का स्वागत करते हैं जो स्थिति को स्थिर करने और कश्मीर विवाद को हल करने में मदद कर सके.’
उन्होंने आगे कहा कि यह विवाद दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों के केंद्र में है. दूसरी ओर, भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं चाहता है. 1972 के शिमला समझौते में भी दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार किया गया था.
क्या बोले शफकत अली ने…
अपने सप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान से पूछा गया कि कश्मीर मुद्दे में अमेरिका की रुचि के बारे में पूछा गया. इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा- ‘हम न केवल अमेरिका से, बल्कि किसी भी ऐसे देश से मदद का स्वागत करते हैं जो स्थिति को स्थिर करने और कश्मीर विवाद को हल करने में मदद कर सके.’
उन्होंने आगे कहा कि यह विवाद दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों के केंद्र में है. दूसरी ओर, भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं चाहता है. 1972 के शिमला समझौते में भी दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार किया गया था.
भारत का रुख
भारत ने हर बार अपना पक्ष साफ़ रखते हुए बताया है कि कश्मीर के मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता कोस्वीकार नहीं किया जाएगा. 1972 में हुए सिमला समझौते के तहत भारत का कह कश्मीर विवाद पर कोई तीसरी पार्टी मध्यस्थता नहीं कर सकती. भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और आतंकवाद के मुद्दों पर ही बातचीत करेगा. शफकत अली खान ने कहा कि मई 2025 में चार दिन के संघर्ष के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कोई औपचारिक संपर्क नहीं हुआ है, सिवाय नियमित कूटनीतिक संचार के.
दोनों देशों में बढ़ी थी टेंशन
शफकत अली का यह बयान अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिनों के सैन्य संघर्ष पर आया. जिसकी शुरुआत भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 6-7 मई की रात पाकिस्तान पर मिसाइल हमलों से हुई थी. भारत ने यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे.
पाकिस्तान का कूटनीतिक रुख
शफकत अली खान ने कहा कि पाकिस्तान कूटनीति के रास्ते को अपनाना चाहता है, लेकिन भारत को इस दिशा में अपनी मंशा स्पष्ट करनी होगी. उन्होंने भारत पर खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया, जिसमें अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन होने का दावा किया.
अन्य मुद्दों पर शफकत अली का बयान
अमेरिका के साथ गुप्त समझौते का खंडन: शफकत अली ने अमेरिका के साथ खनिज निष्कर्षण के लिए किसी गुप्त समझौते की अटकलों को खारिज किया और कहा कि विदेशी निवेश केवल पारदर्शी तंत्र के माध्यम से आमंत्रित किया जाता है.
यूक्रेन संघर्ष में पाकिस्तानी नागरिकों की भागीदारी: शफकत अली ने यूक्रेन संघर्ष में पाकिस्तानी नागरिकों की भागीदारी के आरोपों को ‘निराधार’ बताया और कहा कि इस संबंध में यूक्रेन की ओर से कोई औपचारिक संचार नहीं हुआ है.
रूस के साथ संबंध: शफकत अली ने कहा कि रूस पाकिस्तान की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है और दोनों देश क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं.