ऑपरेशन महादेव का कब प्लान बना, कैसे मारे गए पहलगाम नरसंहार के गुनाहगार? अमित शाह ने लोकसभा में बताई हर एक बात

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान ऑपरेशन महादेव की टाइमलाइन शेयर की है. इस ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जिम्मेदार तीन आतंकवादियों को मार गिराया है.
Amit Shah

अमित शाह

Operation Mahadev: गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान ऑपरेशन महादेव की टाइमलाइन शेयर की है. इस ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जिम्मेदार तीन आतंकवादियों को मार गिराया है. पहलगाम हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था.

शाह ने संसद में इस ऑपरेशन की सफलता को देश की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक बताया. पहलगाम हमले के तुरंत बाद 22 अप्रैल 2025 को ही सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की योजना बनानी शुरू कर दी थी. ऑपरेशन महादेव की औपचारिक शुरुआत 22 मई 2025 को हुई, जब खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी.

14 दिनों तक की निगरानी

शाह ने बताया ऑपरेशन महादेव के तहत भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने मिलकर 14 दिनों तक आतंकियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी. इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों के मूवमेंट को फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरीकों से ट्रैक किया गया. 18 जुलाई से सुरक्षा बलों को आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने लगी थी.

22 जुलाई को एक महत्वपूर्ण तकनीकी संकेत मिला, जब आतंकियों ने T82 अल्ट्रासेट कम्युनिकेशन डिवाइस, एक अत्यधिक सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड सिस्टम, का उपयोग किया. इस संकेत की मदद से सुरक्षा बलों को आतंकियों की सटीक लोकेशन डाचिगाम के जंगलों में मिली. इसके अलावा, स्थानीय बकरवाल समुदाय और नोमैड्स से मिले इनपुट्स ने भी ऑपरेशन को दिशा प्रदान की.

ऑपरेशन के दिन क्या हुआ

28 जुलाई 2025 को सुबह 9:30 बजे, राष्ट्रीय राइफल्स (24 RR) और 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज के कमांडो महादेव पहाड़ी पर पहुंचे. सुबह 10 बजे, पैरा कमांडो ने आतंकियों को प्रत्यक्ष रूप से देखा और उनकी पहचान की. मात्र 30 मिनट में आतंकियों की पुष्टि हो गई, जिसके बाद ऑपरेशन को अंतिम रूप दिया गया. मुठभेड़ श्रीनगर के लिडवास इलाके में हुई, जो डाचिगाम जंगलों और महादेव चोटी के पास है.

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आतंकियों की पहचान और सत्यापन

अमित शाह ने बताया कि आतंकियों की पहचान को पुख्ता करने के लिए चार से पांच राउंड जांच की गई है. आंतकियों के पास से बरामद हथियारों को चंडीगढ़ भेजा गया. वहां फोरेंसिक ने राइफलों से फायरिंग कर खोखों का मिलान किया, जिससे यह पुष्टि हुई कि ये हथियार पहलगाम हमले में इस्तेमाल हुए थे.

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