‘अमेरिका हमसे खरीद सकता है तो भारत क्यों नहीं?’, रूसी तेल पर टैरिफ को लेकर भड़के पुतिन

रूसी राष्ट्रपति ने ये भी बताया कि भारत के रूस से तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों को ऐतराज असल में किस बात से है.
Russian President Vladimir Putin's two-day visit to India

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी एक ही गाड़ी में सवार

Vladimir Putin in India: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस वक्त भारत दौरे पर हैं, जहां यात्रा के दूसरे दिन हैदराबाद हाउस में उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से हुई है. इस दौरान दोनों देशों के बीच 7 क्षेत्रों में समझौते हुए हैं. रूस भारत का बहुत पुराना दोस्त है और पुतिन की हालिया बातों ने साबित कर दिया है कि यूं ही दोनों देश एक-दूसरे पर अटूट भरोसा नहीं करते हैं. भारत दौरे से पहले रूसी राष्ट्रपति ने एक इंटरव्यू में भारत के साथ संबंधों, न्यूक्लियर एनर्जी से लेकर तेल की खरीद और अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वार पर खुलकर बात की.

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से कहा था कि रूस से तेल खरीदकर आप (इंडिया) रूस-यूक्रेन युद्ध को जारी रखने में पुतिन की आर्थिक मदद कर रहे हैं. इस पर ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘उनके (डोनाल्ड ट्रंप) बारे में आकलन उस देश के नागरिकों को करना चाहिये जिन्होंने उन्हें मत देकर सत्ता सौंपी है. भारत की ओर से रूस से उर्जा संसाधनों की खरीद की बात करें तो, एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अमेरिका अभी भी अपने न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए हमसे (रूस) परमाणु ऊर्जा खरीदता है. अमेरिका में चल रहे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए यूरेनियम भी वे हमसे ही लेते हैं.’

ट्रंप को पुतिन की दो टूक

पुतिन ने कहा कि अगर आज अमेरिका खुद अपनी ऊर्जा जरूरतें रूस से पूरी करता है तो फिर भारत की खरीद से क्यों आपत्ति हो रही है? रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि इस पर गहन अध्ययन की जरूरत है और हम इसको लेकर डोनाल्ड ट्रंप से भी चर्चा के लिए तैयार हैं. पुतिन ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भी साफ किया कि बिना किसी रोक-टोक के तेल की सप्लाई भारत को जारी रहेगी.

दबावों का ऊर्जा सहयोग पर असर नहीं- पुतिन

रूस से तेल खरीदी पर पश्चिमी दबाव का सामना रूस-भारत कैसे कर सकते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि जिस दबाव की बात की जा रही है वह राजनीति की आड़ में आर्थिक हितों को साधने की कोशिश है. भारत के साथ हमारे ऊर्जा सहयोग पर इस तरह के दबावों का असर नहीं पड़ता है. दोनों देशों के बीच उर्जा समझौता बहुत पुराना है और भरोसे पर टिका है. पुतिन ने साफ किया कि इसका यूक्रेन के साथ युद्ध से कोई संबंध नहीं है.

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साथ ही पुतिन ने बताया कि रूस की बड़ी तेल कंपनी ने भारत में एक तेल रिफायनरी का अधिग्रहण किया है, जो किसी भी विदेशी कंपनी द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में अब तक के सबसे बड़े निवेश में से एक है. पुतिन ने बताया कि यह निवेश करीब 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है.

पुतिन ने बताया पश्चिम को क्यों चुभने लगा है भारत

रूसी राष्ट्रपति ने ये भी बताया कि भारत के रूस से तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों को ऐतराज असल में किस बात से है. पुतिन ने कहा कि वर्तमान में भारत यूरोप के बाजारों में बड़े पैमाने पर तेल सप्लाई कर रहा है क्योंकि वह रूस से सस्ते दरों पर तेल खरीद रहा है. पुतिन ने कहा कि इसके पीछे भारत-रूस के पुराने संबंध हैं. पुतिन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये बात कई लोगों को चुभ रही है कि भारत रूस की मदद से तेल के बाजार का एक अग्रणी सप्लायर बन चुका है. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यही वजह है कि वे भारत को तरह-तरह के राजनीतिक हथकंडों से परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं और भारत के विकास को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं.

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