Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा में हॉकी स्टिक और त्रिशूल लेकर नहीं चल सकेंगे कांवड़िए, तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद यूपी पुलिस ने लगाया बैन

Kanwar Yatra: यूपी पुलिस ने कांवड़ियों द्वारा हॉकी स्टिक, त्रिशूल, लाठी, बेसबॉल बैट और अन्य हथियार जैसे सामानों को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है.
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कांवड़ यात्रा के दौरान लाठी, त्रिशूल और हॉकी स्टिक ले जाने पर रोक

Kanwar Yatra: उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान कांवड़ियों द्वारा हॉकी स्टिक, त्रिशूल, लाठी, बेसबॉल बैट और अन्य हथियार जैसे सामानों को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद लिया गया है. यह प्रतिबंध मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत जैसे प्रमुख जिलों में लागू होगा.

हिंसक घटनाओं का कारण

पिछले कुछ दिनों में कांवड़ यात्रा के दौरान कई हिंसक घटनाएं सामने आई हैं. मेरठ के पल्लवपुरम में दिल्ली के कुछ कांवड़ियों द्वारा तलवारें लहराने की घटना, एक स्कूल बस पर हमला और मुजफ्फरनगर में एक ढाबे पर प्याज परोसे जाने के बाद तोड़फोड़ की घटनाएं शामिल हैं. हरिद्वार में भी एक महिला के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कांवड़ियों ने उसे बालों से घसीटा और पीटा. इन घटनाओं के बाद पुलिस ने सख्ती बरतने का निर्णय लिया है.

बिना साइलेंसर वाली बाइकों पर भी रोक

हॉकी स्टिक और त्रिशूल के अलावा, यूपी पुलिस ने बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकिलों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया है ताकि ध्वनि प्रदूषण और सार्वजनिक उपद्रव को रोका जा सके. मुजफ्फरनगर पुलिस ने 24 ऐसी बाइकों को जब्त किया और 60 राइडर्स पर जुर्माना लगाया. यह कदम यात्रा के दौरान शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है.

पुलिस की सख्ती और दिशा-निर्देश

मेरठ जोन के एडीजी भानु भास्कर ने कहा- ‘सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार के हथियार, चाहे वे प्रतीकात्मक हों, ले जाने की अनुमति नहीं होगी. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और एफआईआर दर्ज की जाएगी.’ सहारनपुर रेंज के डीआईजी अभिषेक सिंह ने भी अधिकारियों को नियमों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं.

विवाद और राजनीतिक प्रतिक्रिया

कांवड़ यात्रा के दौरान हुई हिंसक घटनाओं पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए हैं. आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने प्रशासन पर उपद्रव को नियंत्रित करने में नाकामी का आरोप लगाया, जबकि समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने कहा कि ऐसी हिंसक हरकतें भक्ति के भाव के खिलाफ हैं.

डीजे और शोर पर भी सख्ती

यात्रा के दौरान ऊंचे डीजे और तेज संगीत पर भी रोक लगाई गई है. उत्तराखंड पुलिस ने 10 फीट से ऊंची कांवड़ और तेज डीजे वाहनों पर प्रतिबंध लगाया है, जिसका समर्थन यूपी और हरियाणा ने भी किया है. यह कदम स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद उठाया गया, जिन्होंने शोर और संपत्ति के नुकसान की बात कही थी.

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यात्रा की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम

पुलिस ने कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण बनाने के लिए कई अन्य कदम उठाए हैं. मेरठ में कांवड़ कैंपों में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक, बिजली खंभों की सुरक्षा, और यात्रियों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा, उत्तराखंड में कांवड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं.

कांवड़ यात्रा का महत्व

कांवड़ यात्रा, जो सावन के महीने में होती है, लाखों शिव भक्तों द्वारा हरिद्वार और अन्य पवित्र स्थानों से गंगा जल लाकर शिव मंदिरों में चढ़ाने की परंपरा है. इस साल यह यात्रा 11 जुलाई से शुरू हुई और 23 जुलाई तक चलेगी. करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है.

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