रूस से S-400 की नई खेप खरीदेगा भारत! ये डिफेंस सिस्टम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बना था देश का ‘रक्षा कवच’
एस-400 (फाइल तस्वीर)
S-400 Missile Systems: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान डिफेंस सिस्टम एस-400 ने अहम भूमिका निभाई थी. इसी डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के कायराना हमलों को नाकाम कर दिया था. अब भारत, रूस से डिफेंस सिस्टम एस-400 की नई खेप खरीदने पर विचार कर रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा पर आने वाले हैं, कहा जा रहा है इसी दौरान ये डील हो सकती है.
अमेरिका ने दी प्रतिबंध लगाने की धमकी
रूस में निर्मित एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है. भारत और रूस के बीच 5 यूनिट्स के लिए 5 अरब डॉलर का समझौता हुआ था. इस डील को लेकर अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इसे आगे बढ़ाया गया तो काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी और प्रतिबंध लगाए जाएंगे. अब तक भारत को इस मिसाइल सिस्टम के 3 स्क्वॉड्रन की आपूर्ति हो चुकी है.
इससे अच्छे परिणाम मिले- वायु सेना प्रमुख
वायु सेना दिवस के मौके पर आयोजित हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि इससे हमें अच्छे परिणाम मिले हैं. यह एक अच्छी हथियार प्रणाली है. एस-400 की नई खेप की खरीदी पर उन्होंने कहा कि ऐसे सिस्टम की हमें जरूरत है, ये कितनी भी खरीदी जा सकती है, इसकी सीमा नहीं. वायु सेना प्रमुख ने ये नहीं कहा कि हम एस-400 खरीदने जा रहे हैं.
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एस-400 में क्या हैं खूबियां?
ये रूस में निर्मित सबसे एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम में से एक है. एस-400 लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल, ड्रोन और स्टील्थ विमान पर हमला करने में सक्षम है. दुश्मनों के हमलों के दौरान ये सुरक्षा कवच की तरह काम करता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 40 से 400 किमी तक है. इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे कही भी तैनात किया जा सकता है. रोड के जरिए कहीं भी ले जाया जा सकता है.