भारतीय तटरक्षक बल और हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स की संयुक्त पहल, समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए वर्कशॉप का आयोजन

Indian Coast Guard: ICG और हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स ने मिलकर समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन किया.
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समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए वर्कशॉप

Indian Coast Guard: भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स के सहयोग से 21-22 मई 2025 को पश्चिम बंगाल के हल्दिया में समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया पर एक संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन किया. इस पहल का मुख्य लक्ष्य तेल रिसाव जैसी समुद्री आपदाओं से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति विकसित करना, हितधारकों के बीच समन्वय को मजबूत करना और जागरूकता बढ़ाना था.

समुद्री पर्यावरण और तटीय संसाधनों की रक्षा

कार्यक्रम का उद्घाटन तट रक्षक कमांडर (पश्चिम बंगाल) ने किया. उन्होंने समुद्री पर्यावरण और तटीय संसाधनों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना (NOSDCP) के महत्व पर जोर दिया. साथ ही सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की और तेल रिसाव की स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर बल दिया.

इस संगोष्ठी में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट, एमसीपीआई, इंडोरामा इंडिया, आईओसीएल हल्दिया रिफाइनरी, हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स, रिलायंस हल्दिया टर्मिनल, एजिस लॉजिस्टिक्स, बीपीसीएल (BPCL) और एचपीसीएल (HPCL) जैसे प्रमुख हितधारकों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया. कार्यक्रम की शुरुआत तटरक्षक प्रदूषण प्रतिक्रिया प्रकोष्ठ में विशेषज्ञों की प्रस्तुतियों के साथ हुई, जिसमें तेल रिसाव से निपटने की तकनीकों और प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई.

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हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स में प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरणों का व्यावहारिक प्रदर्शन भी आयोजित किया गया, जिसने प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीकों और उपकरणों की कार्यप्रणाली को समझने का अवसर प्रदान किया. इस कार्यशाला ने मानक प्रचालन प्रक्रियाओं (SOP) को मान्य करने और प्रत्येक हितधारक की भूमिका को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे तेल रिसाव जैसी आपात स्थिति में समन्वित प्रतिक्रिया को और मजबूती मिली.

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यह आयोजन समुद्री प्रदूषण से निपटने में सहयोग और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसने हितधारकों के बीच एक सशक्त तालमेल स्थापित किया.

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