PM मोदी की ताबड़तोड़ बैठकों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में रणनीतिक बदलाव, पूर्व रॉ चीफ को बनाया गया अध्यक्ष

भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड यानी NSAB में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. पूर्व रॉ (RAW) प्रमुख अलोक जोशी को NSAB का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
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India-Pakistan Tension: पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार के एक और कदम से पाकिस्तान की टेंशन और बढ़ गई है. भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड यानी NSAB में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर हैं. पूर्व रॉ (RAW) प्रमुख अलोक जोशी को NSAB का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. जोशी सुरक्षा से जुड़े तमाम पहलुओं पर बोर्ड के मेंबर से राय मशवरा करेंगे और संगठित सुझाव NSA अजित डोभाल को सौंपेंगे.

आलोक जोशी को क्यों मिली जिम्मेदारी?

सवाल उठता है कि यह जिम्मेदारी पूर्व रॉ चीफ जोशी को ही क्यों दी गई है. इसके कई कारण हैं. वे देश की खुफिया प्रणाली में गहरा अनुभव रखते हैं और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं. जोशी की देश के बाहर और खासतौर पर पाकिस्तानी गतिविधियों से निपटने में महारथ हासिल है. इनके रॉ चीफ रहते हुए विदेश और पाकिस्तान में कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है. इसके अलावा इंटरनल सिक्योरिटी थ्रेट पर भी इनकी अच्छी पकड़ रही है.

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ये हैं NSAB के 7 सदस्य

1. अलोक जोशी (अध्यक्ष)

    आलोक जोशी 1976 बैच के हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी हैं. इन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है. आलोक जोशी पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) प्रमुख के अलावा नेपाल में R&AW के स्टेशन प्रमुख रहे हैं. उन्हें आतंकवाद-रोधी अभियानों में अनुभव हैं. इसके अलावा साइबर सुरक्षा और ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में इन्होंने पहल भी की थी.

    2. एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा

      पूर्व वेस्टर्न एयर कमांडर भी NSAB के सदस्य हैं. इन्हें वायु सेना संचालन और रणनीतिक योजना में विशेषज्ञता है.

      3. लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह

        लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह पूर्व साउदर्न आर्मी कमांडर हैं और इन्हें जमीनी सुरक्षा रणनीति और सैन्य संचालन में अच्छा अनुभव है.

          4. रीयर एडमिरल मोंटी खन्ना

          रीयर एडमिरल मोंटी खन्ना पूर्व नौसेना अधिकारी हैं. इन्हें समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है.

          5. राजीव रंजन वर्मा
          राजीव रंजन वर्मा सेवानिवृत्त IPS अधिकारी हैं. इन्हें आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था में काफी अनुभव है.

            6. मनमोहन सिंह

              मनमोहन सिंह सेवानिवृत्त IPS अधिकारी हैं. इन्हें आतंकवाद-रोधी अभियानों और खुफिया मामलों में विशेषज्ञता है.

              7. बी. वेंकटेश वर्मा
              बी. वेंकटेश वर्मा भी NSAB के सदस्य हैं. वे पूर्व भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं. उन्हें रणनीतिक और परमाणु कूटनीति में विशेषज्ञता है.

                पाकिस्तान से तनाव के बीच NSAB की भूमिका

                पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और हालिया आतंकी हमलों के परिप्रेक्ष्य में, NSAB की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है.

                1. रणनीतिक सलाह

                बोर्ड सरकार को सुरक्षा रणनीति, आतंकवाद-रोधी उपायों, और सीमा पार गतिविधियों पर सलाह देगा.

                  2. नीति निर्माण

                  NSAB के सदस्य नीति निर्माण में योगदान देंगे, जिससे सुरक्षा उपायों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके.

                  3. अंतरराष्ट्रीय सहयोग

                  बोर्ड अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति मजबूत करने के लिए कूटनीतिक सलाह भी मुहैया करेगा.

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