Yoga Day 2025: ITBP के हिमवीरों ने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर किया योग, पैंगोंग से दुनिया को दिया संदेश

International Yoga Day 2025: ITBP ने -10°C से भी नीचे के तापमान और कम ऑक्सीजन के बीच भी जवानों ने अनुशासन और समर्पण के साथ योगाभ्यास किया.
International Yoga Day 2025

11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानी ITBP के जवानों ने अपनी अनुशासित भागीदारी से इस दिन को यादगार बना दिया. लद्दाख और उत्तराखंड के दुर्गम और अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ITBP के हिमवीरों ने योग सत्र का शानदार प्रदर्शन किया. इस साल की थीम ‘Yoga for One Earth, One Health’ के अनुरूप, जवानों ने प्रकृति के बीच योग के माध्यम से स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश दिया.

पेंगोंग त्सो के किनारे 14 हजार फीट पर योग

ITBP की 24वीं बटालियन के जवानों ने लद्दाख में 14,100 से 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित धन सिंह थापा और चार्टसे सीमा चौकियों (BOPs) पर पेंगोंग त्सो झील के किनारे योग किया. बर्फीले और चुनौतीपूर्ण वातावरण में जवानों ने विभिन्न योगासनों का अभ्यास किया. इस दौरान उनकी शारीरिक फिटनेस और मानसिक संतुलन को देखा गया. इस दौरान जवानों का उत्साह और अनुशासन देखने लायक रहा.

-10°C से भी नीचे के तापमान और कम ऑक्सीजन के बीच भी जवानों ने अनुशासन और समर्पण के साथ योगाभ्यास किया. ITBP ने पेंगोंग त्सो झील के किनारे योग किया. यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, जहां ITBP जवान देश की सुरक्षा में हर समय मुस्तैद रहते हैं.

स्थानीय लोगों के साथ योग

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 14,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित आदिकैलाश (त्रिशूल क्षेत्र) में ITBP की 36वीं बटालियन के जवानों ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के साथ योग किया. इस सत्र में सामुदायिक सहभागिता ने योग के सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व को उजागर किया. जवानों ने स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर योग के जरिए एकता और स्वास्थ्य का संदेश दिया.

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ITBP का संदेश

ITBP ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इन योग सत्रों की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए लिखा- ‘हिमवीरों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर स्वास्थ्य, अनुशासन और प्रकृति के साथ सामंजस्य की भावना को मजबूत किया.’ यह आयोजन न केवल जवानों की कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण को दर्शाता है, बल्कि देश के युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है.

ITBP के जवानों ने इस साल की थीम को अपनाते हुए प्रकृति के बीच योग कर यह संदेश दिया कि स्वस्थ शरीर और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं. इन सत्रों ने योग को केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित न रखकर, इसे मानसिक शांति और वैश्विक एकता का माध्यम बनाया.

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