अल फलाह ग्रुप का अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई कार्रवाई

ईडी ने अल फलाह ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान मिले सबूतों की जांच के बाद ईडी ने ये कार्रवाई की है.
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Ahmed Siddiqui arrested: दिल्ली ब्लास्ट केस में नाम आने के बाद अल फलाह ग्रुप पर कार्रवाई जारी है. अल फलाह ग्रुप के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दिकी को केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय(Central Enforcement Directorate) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है. सिद्दिकी को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है.

सबूतों की जांच के बाद हुई कार्रवाई

ईडी ने अल फलाह ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान मिले सबूतों की जांच के बाद ईडी ने ये कार्रवाई की है. अहमद सिद्दीकी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई PMLA के तहत दर्ज एक ECIR मामले की जांच के सिलसिले में की जा रही है.

क्राइम ब्रांच की FIR पर शुरू की थी जांच

ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के खिलाफ जांच शुरू की थी, जो दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज की गई दो FIRs पर आधारित है. आरोपों में कहा गया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद ने छात्रों, अभिभावकों और स्टेकहोल्डर्स को धोखा देने और गलत इरादे से NAAC मान्यता (accreditation) के बारे में गलत और भ्रामक दावे किए थे.

‘UGC की मान्यता का झूठा दावा किया’

FIR में यह भी उल्लेख है कि विश्वविद्यालय ने UGC एक्ट, 1956 की धारा 12(B) के तहत UGC की मान्यता का झूठा दावा किया, ताकि छात्रों, अभिभावकों, अभिरक्षकों, स्टेकहोल्डर्स और आम जनता को धोखा देकर गलत लाभ कमाया जा सके और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा सके.

UGC की ओर से स्पष्ट किया गया कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी सिर्फ सेक्शन 2(f) के तहत एक स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में सूचीबद्ध है. उसने 12(B) केतहत मान्यता प्राप्त करने के लिए कभी आवेदन नहीं किया है और इस प्रावधान के तहत मिलने वाले किसी भी अनुदान के लिए पात्र नहीं है.

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