राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब, कहा- गड़बड़ी के आरोपों पर सबूतों के साथ दें शपथ पत्र

EC on Rahul Gandhi: कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर 8 अगस्त को दोपहर 1 से 3 बजे के बीच मुलाकात का समय दिया है.
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राहुल गांधी से EC ने मांगा शपथ पत्र

EC on Rahul Gandhi: कर्नाटक में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों को लेकर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरोपों पर कर्नाटक चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनके दावों को प्रमाणित करने के लिए शपथ पत्र जमा करने को कहा है. साथ ही, आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि वे अपने दावों को साबित नहीं कर पाए, तो उन्हें अपने बयान वापस लेने होंगे और जनता को गुमराह करना बंद करना होगा.

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर 8 अगस्त को दोपहर 1 से 3 बजे के बीच मुलाकात का समय दिया है. यह पत्र राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के 2024 लोकसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में कथित धांधली के आरोपों के जवाब में लिखा गया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि विशेष सारांश पुनरीक्षण (SSR) 2025 के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट नवंबर 2024 में और फाइनल वोटर लिस्ट जनवरी 2025 में कांग्रेस सहित सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई गई थी. इसके बावजूद, कांग्रेस की ओर से कोई प्रथम या द्वितीय स्तर की आपत्ति या अपील दाखिल नहीं की गई.

राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने हाल ही में कई राज्यों, विशेष रूप से कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वोटर लिस्ट में दर्जनों फर्जी नाम शामिल हैं, जिनके पते ‘शून्य’ (हाउस नंबर जीरो) हैं या जिनके पिता के नाम के कॉलम में अंग्रेजी अक्षर जैसे ‘ITSDLHUG’ लिखे हैं. राहुल ने इसे ‘वोट चोरी’ का हिस्सा बताते हुए कहा कि उनके पास इसके पक्के सबूत हैं और वह जल्द ही इसे सार्वजनिक करेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्नाटक में एक लोकसभा सीट पर 1 लाख से अधिक वोटों की चोरी हुई, जिसने बीजेपी को फायदा पहुंचाया.

चुनाव आयोग ने दी प्रतिक्रिया

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उनसे शपथ पत्र के माध्यम से अपने दावों को साबित करने की मांग की है. आयोग ने कहा कि अगर राहुल अपने दावों को साबित नहीं कर पाए तो उन्हें अपने बयान वापस लेने होंगे, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट को पारदर्शी तरीके से, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के तहत तैयार किया गया है. इसके अलावा, 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान 9 लाख 17 हजार आपत्तियां दर्ज की गई थीं, लेकिन कांग्रेस ने उस समय कोई शिकायत नहीं की थी.

‘मेरा शब्द ही मेरी शपथ है’: राहुल गांधी

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) द्वारा जारी पत्र पर जब राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं एक नेता हूं. जो मैं जनता से कहता हूं, वही मेरा शब्द है. मैं यह बात सबके सामने सार्वजनिक रूप से कह रहा हूं. इसे ही मेरी शपथ मानिए.

राहुल ने आगे यह भी कहा कि जिन आंकड़ों का वे जिक्र कर रहे हैं, वो उनके नहीं बल्कि चुनाव आयोग के ही डेटा है. हम वही डेटा दिखा रहे हैं जो चुनाव आयोग का है. दिलचस्प बात यह है कि आयोग ने इन आंकड़ों का खंडन नहीं किया है. उन्होंने यह नहीं कहा कि राहुल गांधी जिन मतदाता सूचियों की बात कर रहे हैं, वे गलत हैं. आप क्यों नहीं कहते कि ये गलत हैं? क्योंकि आप सच जानते हैं. और आप जानते हैं कि हम जानते हैं कि आपने ये काम पूरे देश में किया है.

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बिहार और अन्य राज्यों में विवाद

राहुल गांधी ने कर्नाटक के अलावा बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी वोटर लिस्ट में धांधली के आरोप लगाए हैं. बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई, जिसके खिलाफ विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ बीजेपी-जेडीयू गठबंधन पर प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. इंडिया गठबंधन ने अगले सप्ताह चुनाव आयोग के मुख्यालय तक मार्च निकालने की योजना बनाई है.

राहुल गांधी का ‘एटम बम’ बयान

राहुल गांधी ने अपने आरोपों को और बल देते हुए कहा कि उनके पास एक ‘एटम बम’ है, जिसके फटने पर ‘चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा.’ उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने 6 महीने की जांच के बाद सबूत इकट्ठा किए हैं, जो साबित करते हैं कि बीजेपी के लिए वोट चोरी की गई. राहुल ने यह भी कहा कि वह दोषी अधिकारियों को रिटायर होने के बाद भी नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि यह ‘देशद्रोह’ है.

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