बीजेपी दफ्तर फूंका, पथराव-आगजनी की, 4 लोगों की मौत…क्यों सुलग उठा लद्दाख?
लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन
Leh Ladakh Protest: लद्दाख के लोगों द्वारा राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को शामिल करने की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई और उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया. यही नहीं, सीआरपीएफ की गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारी बीजेपी के दफ्तर के बाहर भी प्रदर्शन करने लगे और फिर दफ्तर में आग लगा दी.
4 लोगों की मौत
अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इस हिंसक प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्तियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. हालात इस कदर बेकाबू होने लगे थे कि पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा. इस बीच, प्रदर्शनकारी पुलिस पर पथराव करते रहे. इस हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 से अधिक लोग घायल हैं.
जुलूस की अनुमति नहीं
फिलहाल, हालात बिगड़ते देख जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार, लेह में पूर्व लिखित अनुमति के बिना कोई जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जाएगा.
#WATCH लेह, लद्दाख: लद्दाख के लोगों द्वारा राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को शामिल करने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने लेह में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी। pic.twitter.com/kz5uwrAcK4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2025
बता दें कि सोनम वांगचुक की अगुवाई में लद्दाख की एपेक्स बॉडी लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रही है. सोनम वांगचुक 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे लेकिन बुधवार को हिंसक प्रदर्शन के बीच उन्होंने अपनी हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है. 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर से अलग करके लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था. लेकिन अब इसे राज्य का दर्जा देने की मांग उठ रही है.
क्या हैं मांगें?
प्रदर्शनक रहे लोगों की चार प्रमुख मांगें हैं. जिनमें पहली मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए. वहीं दूसरी मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए. जबकि, लद्दाख में दो लोकसभा सीटों की मांग और लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा देने की मांगें भी हैं, जिनको लेकर प्रदर्शनकारियों ने लद्दाख बंद का आह्वान किया था और इस दौरान प्रदर्शन हिंसक हो गया.
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सीएम अब्दुल्ला ने साधा निशाना
वहीं जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख में पूर्ण राज्य की मांग और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन चिंता जाहिर की. साथ ही उन्होंने केंद्र पर निशाना भी साधा. अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने का जो वादा था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है, जिससे वहां के लोग धोखे और निराशा का सामना कर रहे हैं.