‘शतरंज की तरह दुश्मन को शह और मात, सेना को मिला था फ्री हैंड…’ Operation Sindoor पर बोले आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी

Operation Sindoor: थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 9 अगस्त को आईआईटी मद्रास में भारतीय सेना के रिसर्च सेल ‘अग्निशोध’ के उद्घाटन समारोह में ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति को शतरंज के खेल से जोड़ा.
Army Chief Upendra Dwivedi

ऑपरेशन सिंदूर पर जनरल द्विवेदी का खुलासा

Operation Sindoor: थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शतरंज के खेल की तरह बताया, जिसमें भारतीय सेना ने दुश्मन को शह और मात दी. आईआईटी मद्रास में एक संबोधन के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि इस ऑपरेशन के लिए सेना को राजनीतिक नेतृत्व से पूरी छूट मिली थी. पहलगाम हमले के बाद शुरू हुए इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और देश को एकजुट किया.

थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 9 अगस्त को आईआईटी मद्रास में भारतीय सेना के रिसर्च सेल ‘अग्निशोध’ के उद्घाटन समारोह में ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति को शतरंज के खेल से जोड़ा. उन्होंने कहा कि यह एक ग्रे जोन ऑपरेशन था, जिसमें न तो दुश्मन की अगली चाल का अनुमान था और न ही भारत की प्रतिक्रिया पूर्वनिर्धारित थी. जनरल द्विवेदी ने कहा- ‘हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, कहीं जोखिम भी उठा रहे थे.’ यह ऑपरेशन पारंपरिक युद्ध से थोड़ा कम, लेकिन रणनीतिक रूप से गहरा था.

आक्रोशित देश

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया. जनरल द्विवेदी ने बताया कि इस हमले के अगले दिन, 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों की बैठक में निर्णायक कार्रवाई का फैसला लिया गया. रक्षा मंत्री ने कहा- ‘बस, बहुत हो गया,’ और सेना को खुली छूट दी गई कि वे खुद तय करें कि क्या करना है.

सेना को मिली खुली छूट

जनरल द्विवेदी ने खुलासा किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को पूर्ण स्वतंत्रता (Free Hand) दी थी. उन्होंने कहा- ‘आप तय करें कि क्या करना है.’ यह निर्देश रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री की ओर से मिला था. इस आत्मविश्वास और स्पष्टता ने सेना का मनोबल बढ़ाया और ऑपरेशन को सफल बनाने में मदद की. 25 अप्रैल को उत्तरी कमान ने 9 में से 7 लक्ष्यों की योजना बनाई और उन्हें नष्ट कर दिया, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए.

पहले से अलग था ‘ऑपरेशन सिंदूर’

सेना प्रमुख ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर, उरी (2016) और बालाकोट (2019) जैसे पिछले अभियानों से अलग था. उरी में लॉन्च पैड्स और बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन के इलाके में गहराई तक हमला किया गया. ‘नर्सरी’ और ‘मास्टर्स’ कोडनेम वाले ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 5 लक्ष्य पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर और 4 पंजाब में थे. दो मिशन वायुसेना के साथ मिलकर किए गए.

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घुटने पर आया पाकिस्तान

जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इतना प्रभावी था कि 88 घंटे के भीतर पाकिस्तान को संघर्ष विराम की मांग करनी पड़ी. भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को नष्ट किया. वायुसेना प्रमुख के मुताबिक, इस दौरान 5 पाकिस्तानी फाइटर जेट मार गिराए गए और 300 किलोमीटर अंदर तक हमला किया गया.

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