तेजस्वी यादव को CM कैंडिडेट बनाने से महागठबंधन को हो सकते हैं ये फायदे?

Tejashwi Yadav CM Candidate: लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार की सियासत में युवा चेहरा हैं. युवाओं में उनकी लोकप्रियता भी काफी है. ऐसे में तेजस्वी के युवाओं के बीच लोकप्रिय होने का फायदा महागठबंधन को मिल सकता है.
Tejashwi Yadav (File Photo)

तेजस्वी यादव(File Photo)

Tejashwi Yadav CM face: बिहार (Bihar) में महागठबंधन में सीएम के चेहरे को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान पर गुरुवार को विराम लग गया. महागठबंधन ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दिया. 23 अक्टूबर को महागठबंधन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तेजस्वी यादव को औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री कैंडिडेट होने का ऐलान कर दिया. वहीं सियासी पंडितों का कहना है कि फौरी तौर पर ही सही लेकिन तेजस्वी के सीएम चेहरा घोषित होने से महागठबंधन को कुछ फायदे हो सकते हैं.

महागठबंधन के मतभेद हो सकते हैं कम

एनडीए को सियासी मैदान में शिकस्त देने के लिए कई दल एकजुट होकर महागठबंधन का हिस्सा बने हैं. लेकिन गठबंधन में ही लंबे समय से खींचतान चल रही है. कभी सीट शेयरिंग तो कभी सीएम के चेहरे को लेकर विवाद था. लेकिन अब महागठबंधन ने मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव को बना दिया है. इसके बाद महागठबंधन के घटक दलों (RJD, कांग्रेस, VIP, लेफ्ट पार्टियां) में कन्फ्यूजन कम हो गया है. अब सभी को इस बात का इल्म है कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है. इससे पार्टियों के कार्यकर्ता जरूरी कामों पर फोकस करेंगे.

युवा वर्ग में तेजस्वी यादव लोकप्रिय

लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार की सियासत में युवा चेहरा हैं. युवाओं में उनकी लोकप्रियता भी काफी है. तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि सरकार बनने पर वे हर परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देंगे. इसके साथ ही एक दिन पहले ही उन्होंने जीविका दीदियों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. तेजस्वी ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर सभी जीविका दीदियों की सैलरी 30 हजार रुपये कर दी जाएगी. साथ ही सभी जीविका दीदियों को सरकारी नौकरी का दर्जा दिया जाएगा. युवाओं के साथ ही तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के महिलाओं के वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में तेजस्वी के युवाओं के बीच लोकप्रिय होने का फायदा महागठबंधन को मिल सकता है.

‘M-Y’ फैक्टर और मजबूत हो सकता है

आरजेडी का वोट बैंक लंबे समय तक ‘M-Y’ यानी मुस्लिम-यादव वर्ग रहा है. हालांकि पिछले कुछ चुनावों में मुस्लिम वोट नीतीश के पाले में भी गए हैं. लेकिन फिर भी मुस्लिम और यादव समाज में तेजस्वी यादव अभी भी मजबूत पैठ रखते हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने से ‘M-Y’ फैक्टर और मजबूत हो सकता है.

NDA के मतभेदों का मिल सकता है फायदा

वैसे तो एनडीए ने महागठबंधन से पहले सीट शेयरिंग को लेकर औपचारिक घोषणा कर दी थी. लेकिन समय-समय पर सीट शेयरिंग को लेकर एनडीएम में मनमुटाव देखा गया है. एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और जीतनराम मांझी की हम पार्टियों में सीट शेयरिंग को लेकर असंतोष दिखा है. वहीं एनडीए में इस बार चिराग पासवान की पार्टी लोकजन शक्ति पार्टी(रामविलास) को इस बार 29 सीटें दी गई हैं. जिसको लेकर भी एनडीए में कई तरह की चर्चा रही है.

इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच पर कभी-कभी अजीबोगरीब हरकतों के कारण चर्चा में रहते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के सामने तेजस्वी यादव एक आकर्षक चेहरा हो सकते हैं.

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