Malegaon Blast: NIA ने साध्वी प्रज्ञा को फांसी देने की मांग की, मालेगांव ब्लास्ट मामले में हैं आरोपी
प्रज्ञा सिंह ठाकुर (फाइल फोटो)
Malegaon Blast: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने मुंबई स्पेशल कोर्ट से साल 2008 के मालेगांव बम धमाका मामले में साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pragya) समेत 7 आरोपियों को फांसी देने की मांग की है. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act) की धारा-16 के तहत मौत की सजा की मांग की है. भोपाल लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं.
NIA ने पहले रिहा करने की मांग की थी
NIA ने पहले कोर्ट से साध्वी प्रज्ञा को बरी करने की मांग की थी लेकिन तब एजेंसी के पास कोई ठोस सबूत नहीं था. अब NIA ने अपना रुख बदल लिया है. एजेंसी के द्वारा स्पष्ट किया गया है कि साध्वी प्रज्ञा के साथ किसी भी प्रकार की नरमी न बरती जाए.
इन पर भी है आरोप
मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा के अलावा कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, स्वामी दयानंद पांडे, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी पर भी आरोप है.
बम धमाके में 6 की मौत, 100 घायल हुए थे
महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को एक बड़ा बम धमाका हुआ था. इस बम ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. यह धमाका मुस्लिम बहुल इलाके में एक मस्जिद के पास हुआ था. इस मामले में भोपाल से पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया था.
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गोडसे पर बयान से चर्चा में आई थीं
साध्वी प्रज्ञा मध्य प्रदेश के भिंड जिला से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता चंद्रपाल सिंह भिंड में आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. पिता का संघ से जुड़ाव होने के कारण प्रज्ञा का हिंदुत्व विचारधारा की ओर रुझान हो गया. साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट में NIA ने उनको आरोपी बनाया गया. 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा. कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को हराकर भोपाल सांसद बनीं.
नाथूराम गोडसे को लेकर एक बयान दिया था जो चर्चा का विषय रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बयान को लेकर कहा था कि मैं उन्हें कभी मन से माफ नहीं कर सकता.