Caste Census: मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, जाति जनगणना करवाएगी सरकार, विपक्ष करता रहा है इसकी मांग

केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. मोदी सरकार जाति जनगणना करवाएगी. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई.
PM मोदी

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Caste Census: केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. मोदी सरकार जाति जनगणना करवाएगी. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है.

अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जाति जनगणना, मूल जनगणना में ही शामिल होगी. जनगणना इस साल सिंतबर से शुरू की जा सकती है. इसे पूरा होने में कम से 2 साल लगेंगे.

विपक्ष लगातार करता रहा है जातिगत जनगणना की मांग

कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जाति जनगणना की मांग करते रहे हैं. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव यादव भी इसकी मांग को लेकर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं. लेकिन, अब मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला करके बिहार चुनाव से ठीक पहले बड़ा कार्ड खेल दिया है.

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तेजस्वी बोले- ये हमारी जीत है

जातिगत जनगणना पर मोदी कैबिनेट को तेजस्वी यादव ने अपनी जीत बताया है. तेजस्वी ने कहा, ‘विपक्ष की मांग को तब प्रधानमंत्री ने मना कर दिया था, पार्लियामेंट में भी इनके मंत्री मना कर रहे थे. लेकिन सरकार को अब हमारी बात माननी पड़ी है. ये हमारी मांग है और ये हमारी जीत है.’

इसके साथ ही तेजस्वी ने आगे कहा कि जब जाति जनगणना के नतीजे आएंगे तो हमारी मांग होगी कि पूरे देश के विधानसभा चुनावों में पिछड़े और अति पिछड़ों के लिए भी सीटें आरक्षित की जाएं. जितनी आबादी है उतनी भागीदारी होनी चाहिए.

राहुल गांधी ने अमेरिका में की थी जाति जनगणना की मांग

बिहार चुनाव से पहले मोदी सरकार ने जाति जनगणना करवाने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद सियासी चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है. अभी हाल ही में अमेरिका दौरे के दौरान राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को सही बाताते हुए इसकी मांग की थी.

कांग्रेस समेत BJD, SP, RJD, BSP, NCP शरद पवार देश में जातिगत जनगणना की मांग कर करती रहीं हैं. वहीं पहले भाजपा जाति जनगणना के पक्ष में नहीं थी. पहले भाजपा का कहना था कि कांग्रेस जातिगत जनगणना करवाकर देश को बांटना चाहती है. बिहार ने जातिगत जनगणना करवाकर अक्टूबर 2023 में आंकेड़े भी जारी किए थे.

आजाद भारत में अब तक नहीं हुई जाति जनगणना

अंग्रेजों ने साल 1881 में पहली बार जातिगत जनगणना करवाई थी. इसके बाद 1931 तक जातिगत जनगणना होती रही. 1941 में जाति जनगणना करवाई गई थी लेकिन इसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए थे. वहीं आजाद भारत में पहली बार 1951 में पहली बार जनगणना हुई थी, लेकिन इसमें सिर्फ SC/ST की गिनती की गई. SC/ST की गिनती भी मजबूरी में करवाई गई थी, क्योंकि उन्हें आरक्षण देना संवैधानिक बाध्यता थी.

आजाद भारत में अब तक जाति जनगणना नहीं करवाई गई थी. सरकार का तर्क था कि जाति जनगणना से देश में विभाजन होता है.

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