पूर्वोत्तर भारत में कुदरत बरपा रही कहर, 40 की मौत, सिक्किम में सेना का कैंप लैंडस्लाइड की चपेट में आने से 3 जवान शहीद, 6 लापता
पूर्वोत्तर के राज्यों में बीते 4 दिनों से भारी बारिश हो रही है
North-East Disaster: पूर्वोत्तर भारत में भारी मानसूनी बारिश के कारण बाढ़ और लैंडस्लाइड ने व्यापक तबाही मचाई है. असम, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, और अरुणाचल प्रदेश में कम से कम 40 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि लाखों लोग इस कुदरती तबाही से प्रभावित हुए हैं. सिक्किम में एक सैन्य कैंप पर लैंडस्लाइड के कारण तीन जवानों की मौत और छह के लापता होने की खबर है.
इधर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है. इस चेतावनी से इलाके में खतरा और बढ़ गया है. कई राज्यों में राहत व बचाव कार्यों में सेना की मदद ली जा रही है. सिक्किम के चट्टेन में एक मिलिट्री कैंप लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया. हादसे में सेना के 3 जवानों की मौत हो गई.
असम में बाढ़ की स्थिति
असम में 5.15 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें श्रीभूमि (1.94 लाख), कछार (77,961), और नागांव (68,000) सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं. बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 11 लोगों की मौत हुई है, जिसमें हाल ही में होजाई जिले में एक व्यक्ति की मृत्यु शामिल है. जबकि 1,250 से अधिक गाँव जलमग्न, हजारों हेक्टेयर फसलें नष्ट, और काजीरंगा नेशनल पार्क में 159 जंगली जानवरों की मौत हुई है.
इस तबाही को देखते हुए 316 राहत शिविरों में 2.95 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और भारतीय वायुसेना (IAF) ने 14 लोगों को अरुणाचल-असम सीमा से बचाया. इधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लखीमपुर का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया.
सिक्किम में लैंडस्लाइड
सिक्किम भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हो रही है. मंगन जिले के छतेन में भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें एक सैन्य कैंप प्रभावित हुआ. तीन जवानों की मौत हो गई, और छह लापता हैं. लाचेन और लाचुंग में 1,200-1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं. एक पर्यटक की मौत और आठ लापता होने की खबर सामने आ रही है.
तीस्ता नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ा है. सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त होने से यातायात बाधित है. 2023 में साउथ ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आई थी, जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे.
मणिपुर, मेघालय, और अरुणाचल प्रदेश में भी तबाही
मणिपुर में 19,000 से अधिक लोग प्रभावित, 3,365 घर क्षतिग्रस्त है. इंफाल ईस्ट में सेना और असम राइफल्स ने 800 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया. मेघालय में भारी बारिश और बिजली गिरने से सात लोगों की मौत हुई है. जबकि 49 गांव प्रभावित हैं. वहीं, अरुणाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड से नौ लोगों की मौत हो गई है. भारतीय वायुसेना ने 14 लोगों को सुरक्षित निकाला है.
राहत और बचाव कार्य
सेना और एनडीआरएफ की टीमें सिक्किम में लापता जवानों की तलाश में दिन-रात कार्यरत हैं. असम और मणिपुर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत कार्यों में जुटी हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. असम में 316, सिक्किम में 26 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. मेडिकल सुविधाएं, भोजन, और पानी की व्यवस्था की जा रही है.
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मौसम की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने 31 मई से 5 जून तक असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, और सिक्किम में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. बांग्लादेश के ऊपर बने दबाव के कारण तेज हवाएं (60 किमी/घंटा) और भारी बारिश की संभावना है. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने बाढ़ और कटाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है.