मनीष सिसोदिया के लिए खुला राज्यसभा का रास्ता? केजरीवाल के इनकार के बाद AAP में नामों पर मंथन तेज

Aam Aadmi Party: पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा जाने से स्पष्ट कर दिया है कि वह स्वयं राज्यसभा नहीं जाएंगे. केजरीवाल के इनकार के बाद सिसोदिया का नाम चर्चा में है.
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सिसोदिया जा सकते हैं राज्यसभा!

Aam Aadmi Party: पंजाब के लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत के बाद, पार्टी के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की सीट खाली होने वाली है. इस जीत ने नई राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे दिया है. खासकर यह कि क्या AAP पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस सीट पर नामांकित करेगी. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा जाने से स्पष्ट कर दिया है कि वह स्वयं राज्यसभा नहीं जाएंगे. केजरीवाल के इनकार के बाद सिसोदिया का नाम चर्चा में है.

उपचुनाव में संजीव अरोड़ा की जीत

पंजाब के लुधियाना वेस्ट विधानसभा उपचुनाव में AAP के मौजूदा राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने 10,637 वोटों के अंतर से कांग्रेस के भरट भूषण आशु को हराया. इस जीत के बाद, अरोड़ा की राज्यसभा सीट खाली हो जाएगी, क्योंकि वह अब विधायक के रूप में शपथ ले सकते हैं और पंजाब कैबिनेट में मंत्री बनाए जा सकते हैं. AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रचार के दौरान कहा था कि अगर जनता अरोड़ा को चुनती है, तो वह ‘मंत्री जीतेंगे.’ यह जीत AAP की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है, जिसके तहत पार्टी ने संजीव अरोड़ा को विधानसभा में लाकर राज्यसभा की सीट के लिए नए अवसर बनाए हैं.

केजरीवाल के इनकार, सिसोदिया का रास्ता साफ!

संजीव अरोड़ा की जीत के बाद अरविंद केजरीवाल मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह स्वयं राज्यसभा नहीं जाएंगे. उन्होंने दिल्ली में पत्रकारों से कहा- ‘मैं राज्यसभा नहीं जा रहा हूं, हालांकि मुझे पहले भी कई बार वहां भेज चुके हैं.’ केजरीवाल ने कहा कि उम्मीदवार का चयन AAP की राजनीतिक मामलों की समिति करेगी. इस बयान के बाद, मनीष सिसोदिया का नाम सबसे आगे आया है. सिसोदिया, जो AAP के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और पंजाब में पार्टी के प्रभारी हैं, इस सीट के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिसोदिया की संगठनात्मक क्षमता और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा उनकी उम्मीदवारी को बल देती है.

सिसोदिया की राजनीतिक चुनौतियां

मनीष सिसोदिया दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जंगपुरा सीट से हार का सामना करना पड़ा. जिससे उनके राजनीतिक करियर पर सवाल उठे थे. इसके अलावा, दिल्ली शराब नीति मामले में उनकी गिरफ्तारी और जेल में समय बिताने के बाद उनकी छवि प्रभावित हुई थी. फिर भी, पंजाब में AAP की जीत और उपचुनाव में उनकी सक्रिय भूमिका ने उनकी स्थिति को मजबूत किया है.

सिसोदिया ने अरोड़ा के लिए अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मिलकर प्रचार किया था. कुछ AAP नेताओं का मानना है, कि सिसोदिया को राज्यसभा भेजकर केजरीवाल दिल्ली नेतृत्व की भारी मौजूदगी के बारे में नकारात्मक चर्चाओं को कम कर सकते हैं.

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अन्य संभावित नाम

सिसोदिया के अलावा, कुछ अन्य नाम भी चर्चा में हैं, जैसे प्रियंका कक्कड़, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, और यहां तक कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिसोदिया का अनुभव और पंजाब में उनकी सक्रियता उन्हें सबसे मजबूत दावेदार बनाती है. AAP की रणनीति दिल्ली में हार के बाद पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने की है, और सिसोदिया को राज्यसभा भेजना उनकी राजनीतिक वापसी का एक बड़ा अवसर हो सकता है.

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