कौन हैं विदेश सचिव विक्रम मिसरी, जिन्होंने दुनिया के सामने पाकिस्तान के झूठ को किया बेनकाब?

Vikram Misri: वर्तमान में विक्रम मिसरी 35वें विदेश सचिव हैं. साल 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं. विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने 26/11 और पठानकोट जैसे हमलों की जांच में सहयोग किया, लेकिन पाकिस्तान ने मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया
Vikram Misri, Foreign Secretary of India

विक्रम मिसरी, विदेश सचिव

Vikram Misri: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं. विक्रम मिसरी ने बताया कि किस तरह पाकिस्तान सालों से आतंकियों और आतंकवाद का समर्थन करता रहा है और खुद विक्टिम होने का नाटक करता रहा है. विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पाकिस्तान के सूचना मंत्री द्वारा यह कहना कि हमारे यहां कोई आतंकी नहीं हैं, पूरी तरह से झूठ और भ्रामक है. पाकिस्तान आज वैश्विक आतंकवाद का गढ़ है. ओसामा कहां मिला, सब जानते हैं लेकिन पाकिस्तान ने उसे ‘शहीद’ कहा.

विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने 26/11 और पठानकोट जैसे हमलों की जांच में सहयोग किया, लेकिन पाकिस्तान ने मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया. मुंबई हमले पर डिटेल्ड सबूत देने के बावजूद कोई कार्रवाई पाकिस्तान ने नहीं किया. विदेश सचिव ने बड़ा खुलासा किया और कहा कि UNSC के बयान में TRF का नाम शामिल करने की बात आई, तो पाकिस्तान ने इसका विरोध किया. यही नहीं, पाकिस्तान ने उसका नाम तक हटवाया. आज आतंकियों के जनाजे पाक सेना के अफसर खड़े होते हैं.

कौन हैं विक्रम मिसरी?

विक्रम मिसरी का जन्म 7 नवंबर 1964 को जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुआ था. वे एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते हैं. मिसरी की स्कूली शिक्षा भारत के बेहतरीन स्कूलों में से एक ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने आगे कि पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पूरी की. हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक और एमबीए किया. विक्रम मिसरी इंग्लिश, हिंदी, कश्मीरी और फ्रेंच भाषा बोल सकते हैं. उनकी शादी डॉली मिसरी के साथ हुई है.

1989 बैच के IFS अधिकारी, 35वें विदेश सचिव बने

विक्रम मिसरी 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) के अधिकारी हैं. विदेश सेवा में शामिल होने से पहले उन्होंने तीन साल तक विज्ञापन क्षेत्र में काम किया. 15 जुलाई 2024 को उन्होंने विदेश सचिव का पद संभाला और भारत के 35 विदेश सचिव बने.

तीन प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम

निजी सचिव के रूप में विक्रम मिसरी ने तीन प्रधानमंत्रियों, पीएम इंद्र कुमार गुजराल(1997), पीएम मनमोहन सिंह (2012-14) और पीएम नरेंद्र मोदी (2014) के साथ काम किया. वर्तमान में मोदी सरकार में विदेश सचिव के पद कार्यरत हैं.

कई देशों में राजनयिक के रूप में किया काम

मिसरी ने बेल्जियम, ट्यूनीशिया, स्पेन, म्यांमार और चीन (2019-2021) में भारतीय दूतावासों में सेवाएं दीं. विशेष रूप से गलवान घाटी झड़प (2020) के दौरान वे चीन में भारत के राजदूत थे. दोनों देशों के बीच बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जनवरी 2022 से जुलाई 2024 तक वे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे. मिसरी को चीन के साथ संबंधों और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में विशेषज्ञ माना जाता है.

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कई कूटनीतिक विषयों में की मदद

दिसंबर 2024 में मिसरी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ ढाका में उच्च-स्तरीय बैठक की. जहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी. मई 2025 में उन्होंने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद, विशेष रूप से पहलगाम हमले को उजागर करने में सक्रिय भूमिका निभाई. व्यापक कूटनीतिक अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण को देखते हुए उनके कार्यकाल को 14 जुलाई 2026 तक बढ़ा दिया है.

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