संसद में क्यों हुई अमित शाह और राहुल गांधी में तीखी बहस? गृह मंत्री ने गिनाई कांग्रेस की 3 ‘वोट चोरी’
लोकसभा में अमित शाह और राहुल गांधी में तीखी बहस देखने को मिली.
Amit Shah Vs Rahul Gandhi: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 8वें दिन जमकर हंगामा देखने को मिला. लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच जमकर तीखी बहस देखने को मिली. एसआईआर(SIR) के मुद्दे पर अमित शाह के बोलते समय जब राहुल गांधी ने टोका तो शाह भड़क गए.
‘मेरे बोलने का क्रम आप नहीं तय करेंगे’
गृहमंत्री अमित शाह विपक्ष के एसआईआर को लेकर लगाए गए आरोपों पर जवाब दे रहे थे. इस दौरान राहुल गांधी ने बीच में टोकते हुए उनकी बातों का जवाब देने के लिए कहा. इस पर गृहमंत्री भड़क गए. अमित शाह ने कहा, ‘पहली बात मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं तीस साल से विधानसभा और संसद में चुनकर आया हूं. मुझे संसदीय प्रणाली का लंबा अनुभव है. विपक्ष के नेता बीच में बोल रहे हैं कि पहले मेरी बात का जवाब दे दीजिए. आपके मुताबिक संसद नहीं चलेगी. मेरे बोलने का क्रम मैं तय करूंगा. इस तरह नहीं चलेगी संसद. उनको मेरे जवाब को सुनने का धैर्य रखना चाहिए. मैं एक-एक सवाल का जवाब देंगे. लेकिन मेरे भाषण का क्रम वो तय नहीं कर सकते. मैं तय करूंगा. क्योंकि अभी मैं बोल रहा हूं.’
अमित शाह ने बताए वोट चोरी के 3 आयाम
विपक्ष कई दिनों से लागातार एसआईआर और वोट चोरी के मुद्दे को उठा रहा है. वोट चोरी को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘वोट चोरी-वोट चोरी का कोहराम मचा हुआ है. वोट चोरी किसको कहते हैं, मैं आपको वो बताना चाहता हूं. वोट चोरी के 3 आयाम होते हैं. पहला ये कि आप मतदाता नहीं हैं और वोट देते हैं, इसे वोट चोरी कहते हैं. दूसरा अगर आप गलत तरीके से चुनाव जीतते हैं तो वोट चोरी माना जाएगा. तीसरा ये कि अगर जनादेश के विपरीत आप कोई पद प्राप्त कर लेते हैं, तो उसे वोट चोरी कहा जाता है.’
शाह ने कांग्रेस को गिनाई वोट चोरी की 3 घटनाएं
वोट चोरी को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार किया. लोकसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ‘मैं आपको तीन वोट चोरी की घटना बताना चाहता हूं. देश का प्रधानमंत्री तय होना था. देश के सभी प्रांतों के अध्यक्षों के वोट से प्रधानमंत्री तय होना था. 28 वोट सरदार पटेल को मिले और 2 वोट जवाहरलाल नेहरू को मिला. लेकिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बनें.
दूसरे प्रकार की वोट चोरी. अनैतिक तरीके से चुनाव करना. ऐसी वोट चोरी भी भूतकाल में हुई है. इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनी गईं. राज नारायण हाई कोर्ट पहुंच गए. हाई कोर्ट ने तय कर दिया कि इंदिरा गांधी ने सही तरीके से चुनाव नहीं जीता है और इसे रद्द कर दिया. इसके बाद वोट चोरी को ढकने के लिए संसद में कानून लाया गया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई केस ही नहीं हो सकता है. विपक्ष के नेता बार-बार चुनाव आयोग को इम्यूनिटी देने की बात करते हैं. हमने तो चलो मानो चुनाव आयोग को इम्युनिटी दी. इंदिरा गांधी ने तो चुनाव आयोग को इम्युनिटी दे दी. फिर केस जीतने के लिए 23 को जज को बाईपास करके चौथे नंबर के जज को चीफ जस्टिस बनाकर केस जीत लिया.’
अमित शाह ने कहा कि अगर मैं तीसरी वोट की बात करूं तो सोनिया गांधी इस देश की नागरिक बनने से पहले ही मतदाता बन गईं थीं.
ये भी पढ़ें: ‘तेज प्रताप यादव को भगवान तमाचा मारेंगे’, पूर्व सहयोगी अविनाश ने लगाए ‘तेजू भैया’ पर गंभीर आरोप