शीतकालीन सत्र में बढ़ेगा संसद का तापमान, विपक्ष से पहले पीएम मोदी ने तंज कसकर बढ़ा दी है तपिश, विपक्ष को टिप्स देने का ऑफर
पीएम मोदी
Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोन सेट कर दिया है. विपक्ष की आक्रामकता का पीएम मोदी ने पहले फ्रंटफुट पर आकर एजेंडा तय कर दिया है. सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जोरदार प्रहार किया. बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की शानदार जीत के बाद विपक्ष की ‘हार की हताशा’ पर कटाक्ष करते हुए पीएम ने कहा कि विपक्ष को अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान देना चाहिए, न कि पराजय की निराशा में उलझना चाहिए. उन्होंने सत्र को देशहित के रचनात्मक चर्चाओं का केंद्र बनाने का आह्वान किया, जिसमें सरकार 14 विधेयक पेश करने की तैयारी में है.
पीएम मोदी का यह संबोधन राजनीतिक तनाव के बीच आया है, जब विपक्ष स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) मुद्दे को उठाने की योजना बना रहा है. इस संबंध में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर एक विपक्षी दलों की बैठक भी हुई, जिसमें टीएमसी को छोड़ विपक्ष के तमाम प्रमुख नेता अपने दलों की और से शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान SIR, वोट चोरी, प्रदूषण और दिल्ली ब्लास्ट जैसे मुद्दों पर सरकार को कैसे घेरा जाए, इस पर चर्चा हुई.
एक ओर जहाँ विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा था, ठीक उसी दौरान पीएम मोदी ने संसद परिसर से प्रसारित अपने संबोधन में साफ शब्दों में कहा, “साथियों, यह सत्र संसद देश के लिए क्या सोच रही है, क्या करना चाहती है, क्या करने वाली है. इन मुद्दों पर केंद्रित होनी चाहिए.” उन्होंने जोर देकर कहा कि संसद को जनता के ज्ञानवर्धन के लिए संतुलित और जिम्मेदार बहस का मंच बनना चाहिए, जहां अच्छे-बुरे दोनों पक्षों की रचनात्मक आलोचना हो.
मोदी का विपक्ष पर निशाना
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बिहार की हार पर विपक्ष को निशाने पर लिया. पीएम मोदी ने विपक्षी दलों की हालिया बयानबाजी पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार चुनाव परिणामों को इतने दिन बीत चुके हैं कि लगता था वे सुधर चुके होंगे, लेकिन कल सुनी गई उनकी बयानबाजी से साफ है कि पराजय ने उनको परेशान करके रख दिया है. उन्होंने विपक्ष को चेतावनी दी कि शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष पराजय की निराशा में से निकलकर बाहर आएं और अपनी बौखलाहट को संसद की गरमाहट न बनने दें. साथ ही, सत्ताधारी गठबंधन को भी सलाह दी कि यह सत्र विजय के अहंकार में परिवर्तित न हो.
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मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे हार स्वीकार ही नहीं कर पा रहे. उन्होंने कहा, “मुझे तो लग रहा था कि बिहार के नतीजों को इतने दिन हो गए कि अब सुधर गए होंगे, लेकिन कल जो बयानबाजी सुन रहा हूं उनकी, तो लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रख दिया है,” पीएम मोदी का इशारा स्पष्ट रूप से उन विपक्षी नेताओं की ओर था जो चुनावी शिकस्त के बाद भी आक्रामक रुख अपना रहे हैं.