तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे प्रशांत किशोर, राघोपुर से इस प्रत्याशी को उतारा
प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव(File Photo)
Prashant Kishor Vs Tejashwi Yadav: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हर दिन नई कहानी और अलग-अलग किरदार देखने को मिल रहे हैं. कुछ दिन पहले तक तेजस्वी यादव की तुलना राहुल गांधी से करने वाले प्रशांत किशोर अब तेजस्वी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने राघोपुर से दूसरे प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है. वहीं तेजस्वी यादव कल यानी 15 अक्टूबर को राघोपुर सीट से नामांकन भरेंगे.
सभी अटकलों पर लगाया विराम
कुछ दिन पहले तक प्रशांत किशोर के तेजस्वी के खिलाफ चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही थी. लेकिन मंगलवार को इन सभी अटकलों पर प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने विराम लगा दिया. जनसुराज ने राघोपुर सीट से चंचल सिंह को प्रत्याशी बना दिया है. इसके साथ ही ये साफ हो गया है कि अब प्रशांत किशोर राघोपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे.
पीके बैकफुट पर आए या फिर वॉक ओवर दिया!
अभी हाल ही में प्रशांत किशोर से तेजस्वी यादव के दो जगहों से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया गया था. इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की तुलना राहुल गांधी से की थी. उन्होंने कहा था, ‘अगर मैं राघोपुर से चुनाव लड़ता हूं तो तेजस्वी को छोड़कर भागना पड़ेगा. उनका हाल राहुल गांधी की तरह होगा. आप देख लीजिएगा कि तेजस्वी यादव की वही हालत होगी, जो राहुल गांधी की अमेठी में हुई थी. राहुल अमेठी छोड़कर वायनाड गए थे, लेकिन अमेठी में चुनाव हार गए थे.’
लेकिन अब पीके के राघोपुर से चुनाव ना लड़ने के साथ ही तेजस्वी यादव की राह जरूर आसान हो गई है. जहां एक ओर पीके के विरोधी उनके बैकफुट पर आने की बात कह रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर एक्सपर्ट्स का मानना है कि पीके ने तेजस्वी यादव को वॉक ओवर दे दिया है.
JDU में रह चुके हैं चंचल सिंह
जनसुराज पार्टी ने राघोपुर सीट से चंचल सिंह को सिंबल दिया है. चंचल सिंह राजपूत समुदाय से आते हैं. चंचल सिंह इसके पहले जेडीयू से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं. वे जेडीयू के पूर्व प्रदेश महासचिव भी रह चुके हैं. चंचल सिंह की गिनती होटल और रियल एस्टेट के बड़े कारोबारियों में होती है.
राघोपुर लंबे समय से आरजेडी का ‘अभेद्य किला’
राघोपुर विधानसभा बिहार के वैशाली जिले में आता है. ये लंबे समय से आरजेडी का अभेद्य किला रहा है. तेजस्वी यादव के अलावा खुद लालू यादव 2 बार और उनकी पत्नी राबड़ी देवी तीन बार चुनाव जीत चुकी हैं. लालू और राबड़ी दोनों ने ही इस सीट से जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी. ऐसे में प्रशांत किशोर का दूसरे प्रत्याशी को राघोपुर में उतारने से तेजस्वी का राह को आसान कर दिया है.