परमाणु हथियारों की नई रेस! रूस ने भी शुरू की न्यूक्लियर टेस्ट की तैयारी, ट्रंप का उकसावा दुनिया पर पड़ेगा भारी?

Russia Nuclear Test: 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से ही रूस ने कोई भी न्यूक्लियर टेस्ट नहीं किया है. इसके अलावा अमेरिका ने भी आखिरी बार 1992 में परमाणु परीक्षण किया है.
Russia begins nuclear test preparations after Trump’s provocation; global tensions rise

अमेरिका और रूस में परमाणु हथियारों की रेस.

Russia America Conflict: रूस ने भी अब परमाणु परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है. रूस के विदेश मंत्री ने सर्गेई लावरोव ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आदेश पर परमाणु परीक्षण के प्रस्ताव पर काम शुरू हो गया है. जहां एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप न्यूक्लियर टेस्ट की बात कह चुके हैं, वहीं अब रूस ने भी इसको लेकर संकेत दे दिया है. इन देशों के ये कदम दुनियाभर में तनाव पैदा कर सकते हैं.

ट्रंप का उकसावा दुनिया पर पड़ सकता है भारी?

रूस के विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने न्यूक्लियर टेस्ट करने की बात कही है. ट्रंप ने कहा था कि रूस, चीन, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया दुनिया से छिपाकर न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं. इसलिए अब अमेरिका भी परमाणु परीक्षण करेगा. ट्रंप के इस बयान ने रूस की चिंताएं बढ़ा दी थीं. जिसके बाद रूस ने भी परमाणु हथियारों के परीक्षण के संकेत दे दिया. ट्रंप का इस तरह का रूस को उकसावा दुनियाभर के लिए भारी पड़ सकता है. एक बार फिर दुनिया परमाणु हथियारों की होड़ का दौर देख सकती है.

अमेरिका और रूस में बढ़ा है तनाव

दरअसल पिछले कुछ दिनों से अमेरिका और रूस में तनाव बढ़ा हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार रूस और यूक्रेन के युद्ध को रुकवाने की बात दोहराते रहे हैं. लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है. इसके बाद से उन्होंने रूस पर प्रतिबंध बढ़ा दिए और दोनों देशों के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन को रद्द कर दिया. इसके बाद से ही रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.

1991 के बाद से रूस ने नहीं किया न्यूक्लियर टेस्ट

रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के परमाणु परीक्षण की बात को लेकर आपत्ति जताई है. रूस ने अपील करते हुए कहा है कि अमेरिका न्यूक्लियर टेस्ट को लेकर दिए बयान पर स्पष्टीकरण दे. नहीं तो इस तरह की बयानबाजी दूसरे देशों को भड़का सकता है. बता दें 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से ही रूस ने कोई भी न्यूक्लियर टेस्ट नहीं किया है. इसके अलावा अमेरिका ने भी आखिरी बार 1992 में परमाणु परीक्षण किया है. लेकिन इसके बाद अमेरिका ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि(CTBT) पर हस्ताक्षर कर दिए थे और न्यूक्लियर टेस्ट पर रोक लगा दी थी.

इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं. ऐसे में अगर इन दोनों देशों के बीच परमाणु हथियार बढ़ाने की होड़ दुनिया की शांति के लिए सही नहीं है. इसके पहले भी दुनिया दोनों के बीच शीत युद्ध का काल देख चुकी है.

ये भी पढे़ं: LED वाली लालटेन दिखा अखिलेश ने RJD के लिए मांगे वोट, बोले- BJP वाले लैपटॉप चलाना नहीं भी जानते

ज़रूर पढ़ें