‘पश्चिम देशों की रुकावट के बावजूद भारत का रूस सबसे बड़ा तेल सप्लायर’, पुतिन के करीबी बोले- दबाव का कोई असर नहीं

अलीपोव ने आगे कहा, 'पश्चिमी देश लगातार भारत पर अपने फैसले थोंपना चाहते थे. लेकिन भारत कभी उनके दबाव में नहीं आया. भारत ने दोस्ती निभाते हुए एकतरफा प्रतिबंध को मान्यता नहीं दी.'
PM Modi and President Putin (File Photo)

PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन(File Photo)

Denis Alipov on India-Russia relation: भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने एक बार फिर भारत और रूस के रिश्तों को लेकर बात की है. अलीपोव का भारत और रूस के संबंधों को कमजोर करने की कोशिश की गई. लेकिन पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार करते हुए दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग और बढ़ा है.

रुकावटों के बावजूद भारत का रूस सबसे बड़ा तेल सप्लायर

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी डेनिस अलीपोव ने कहा, ‘पश्चिमी देश लगातार भारत पर रूस से तेल नहीं खरीदने को लेकर दबाव बना रहे हैं. लेकिन भारत पश्चिमी देशों के दबाव में बिलकुल भी नहीं आया. रूस अभी भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना हुआ है. रूस भी भारत को ऊर्जा संसाधनों पर अच्छी डील देने को तैयार है.’

भारत की दोस्ती की तारीफ की

अलीपोव ने आगे कहा, ‘पश्चिमी देश लगातार भारत पर अपने फैसले थोंपना चाहते थे. लेकिन भारत कभी उनके दबाव में नहीं आया. भारत ने दोस्ती निभाते हुए एकतरफा प्रतिबंध को मान्यता नहीं दी. भारत ने पश्चिमी देशों के दबावों का डटकर सामना किया.

वहीं अमेरिका के सबसे बड़ी रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाने पर अलीपोव ने कहा, ‘इससे प्रभाव नहीं पड़ेगा और रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना रहेगा.’

व्लादिमीर पुतिन कर सकते हैं भारत का दौरा

बताया जा रहा है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले महीने भारत के दौरे पर आ सकते हैं. वहीं रूसी राष्ट्रपति के दौरे से पहले भारत और रूस के बीच एक डिफेंस डील को लेकर चर्चा है. दरअसल रूस ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के Su-57 स्टील्थ लड़ाकू विमान की तकनीक देने की पेशकश की है. हालांकि अभी तक भारत की तरफ से इस डील को लेकर कोई मुहर नहीं लगी है.

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