‘नहीं चाहिए छोड़ी हुई सीटें…’, इमरान मसूद के बयान से सपा-कांग्रेस गठबंधन की गांठ पड़ेगी ढीली?
इमरान मसूद, सांसद
Samajwadi Party-Congress Alliance: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया था और 43 सीटों पर कब्जा जमाया था. यूपी में मिले इस झटके ने भाजपा को बहुमत से दूर कर दिया था. हालांकि, एनडीए के पास बहुमत की संख्या होने से सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया था. दूसरी तरफ, यूपी में साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद हरियाणा चुनाव में सपा और कांग्रेस की राहें अलग हो गईं. यही नहीं, कांग्रेस की तरफ से सीटों को लेकर लगातार बयानबाजी के बाद अक्सर सवाल उठ रहे हैं कि यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक क्या ये गठबंधन चल पाएगा?
हाल ही में गठबंधन को लेकर बयान देने वाले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद (Imran Masood) ने एक बार फिर कहा है कि यूपी में 80-17 वाला फॉर्मूला नहीं चलेगा. कांग्रेस सांसद ने कहा कि पार्टी को सपा की छोड़ी हुई सीटें नहीं चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान इमरान मसूद ने ये बातें कहीं. यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन और पार्टी की रणनीति पर बात करते हुए इमरान मसूद ने कहा, “मैंने कहा है कि 80-17 का फॉर्मूला काम नहीं करेगा, लोकसभा चुनाव में हमें 80 में से 17 सीटें दी गईं, वोट राहुल गांधी के नाम पर डाले गए. मैंने कहा है कि अगर कोई समझौता होता है, तो यह सम्मानजनक होना चाहिए.” इमरान मसूद ने कहा कि पार्टी सभी 403 सीटों पर तैयारियां कर रही है और अगर कोई समझौता होता है तो यह बराबरी पर होगा. ‘हम ये सीटें छोड़ रहे हैं…’ वे (समाजवादी पार्टी) ऐसा नहीं बोल सकते हैं.”
सपा नहीं तय कर सकती हमारी सीटें- इमरान मसूद
इमरान मसूद ने आगे कहा कि पार्टी सपा से कुछ नहीं कह रही है और गठबंधन को लेकर आलाकमान निर्णय करेगा. उपचुनाव से दूरी बनाने के सवाल पर इमरान मसूद का कहना था कि समाजवादी पार्टी कैसे तय करेगी कि हम किस सीट से उम्मीदवार उतारेंगे. वे हमारी सीटें नहीं तय कर सकते हैं. सहारनपुर से कांग्रेस सांसद मसूद ने कहा, “वे हमें ऐसी सीटें ऑफर करते हैं जहां हम हार सकते हैं. इसलिए हमने उपचुनाव वाली सीटें छोड़ दीं… गठबंधन की वजह से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है. भाजपा अपने सहयोगियों को खा जाती है, दूसरी तरफ, हमारे सहयोगी हमें खा जाते हैं.”
इमरान मसूद की इन बातों से यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सीट बंटवारे के दौरान खींचतान की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. उपचुनाव में भी ऐसी ही खींचतान के बाद आखिरकार कांग्रेस ने उससे दूरी बना ली थी.
भाजपा को कांग्रेस ही दे सकती है टक्कर- मसूद
यूपी में अगर सपा और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरें तो क्या इससे भाजपा को फायदा नहीं होगा क्योंकि मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो जाएगा. इस सवाल पर इमरान मसूद का कहना था, “ऐसा नहीं है, लोग समझते हैं कि अगर भाजपा को कोई टक्कर दे सकता है तो वह राहुल गांधी हैं. देश में इस वक्त सियासी तूफान है और मैं सभी से कहूंगा कि कांग्रेस के साथ आएं. यह इकलौती पार्टी है तो भाजपा के साथ कभी हाथ नहीं मिलाएगी.”
हालांकि, कांग्रेस नेता ने साफ किया है कि सपा-कांग्रेस के बीच कोई अनबन जैसी स्थिति नहीं है लेकिन सीटों के मामले में कांग्रेस समझौता नहीं करेगी. इमरान मसूद के इन बयानों के बाद अभी समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन जमीनी हकीकत ये भी है कि इमरान मसूद भले ही अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बातें कर रहे हैं, मगर लंबे समय से यूपी की सत्ता से बाहर चल रही इस पार्टी के लिए अकेले दम पर भाजपा की मजबूत चुनौतियों से पार पाना आसान नहीं होगा.