Sonam Wangchuk Arrest: लेह हिंसा के बाद सोनम वांगचुक गिरफ्तार, CM अब्दुल्ला बोले- सरकार वादे करके मुकर जाती है
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर हमला बोला.
Sonam Wangchuk arrest news: लेह हिंसा के बाद एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वांगचुक को डीजीपी एसडी सिंह जामवाल के नेतृत्व में लद्दाख पुलिस ने गिरफ्तार किया है. लेह हिंसा के बाद NSA के तहत सोनम वांगचुक पर कार्रवाई की गई है. लेह हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 90 लोग घायल हुए थे. वांगचुक पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप है.
उमर अब्दुल्ला बोले- सरकार वादे करके मुकर जाती है
वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख हिंसा और वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैंने लद्दाख की हिंसा को कभी सही नहीं ठहराया. मैं लद्दाख का उप राज्यपाल नहीं हूं, ना ही ये मेरी जिम्मेदारी है. लेकिन सरकार पहले बताए कि लद्दाख के लिए जो वादे किए थे, वो पूरे क्यों नहीं किए. भाजपा की क्या मजबूरी है. केंद्र सरकार वादे करके मुकर जाती है. जम्मू-कश्मीर की क्या गलती है. अभी तक पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला. क्या जब तक भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, तब तक पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. अगर ऐसा है तो कोर्ट में बता दें कि जब तक बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी, हम पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं देंगे. अगर उन्हें पूर्ण राज्य का दर्जा रोकना है, तो रोककर रखें लेकिन हम उनको सत्ता में नहीं आने देंगे.’
#WATCH | Srinagar | On J&K LoP Sunil Sharma's statement on the violence in Leh that CM Omar Abdullah's "tries to take pleasure from such situations," J&K CM Omar Abdullah says, "Why would I justify the violence? LoP should first explain what led to this. He has a habit of finding… pic.twitter.com/1zkRYYQkyR
— ANI (@ANI) September 26, 2025
पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग
लद्दाख में लंबे समय से छठी अनुसूची का दर्जा और पूर्ण राज्य का दर्जा की मांग है. लद्दाख के लिए पर्यावरण और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े काम कर चुके सोनम वांगचुक इस बार आंदोलन की कमान संभाले हुए थे. 10 सितंबर से वो भूख हड़ताल पर थे और उनकी अगुवाई में लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने प्रदर्शन शुरू किए. लेकिन 24 सितंबर को ये प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया. पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिस से झड़प.
हालात इतने बिगड़ गए कि बीजेपी कार्यालय और लेह के CEC ऑफिस पर हमले हो गए. 30 से ज्यादा पुलिसवाले भी घायल हुए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे सुनियोजित साजिश बताया और लेह में कर्फ्यू लगा दिया. इस हिंसा में सात नेपाली नागरिकों के घायल होने की खबर आई थी. जिससे बाहरी लोगों के हिंसा की साजिश में शामिल होने का शक है.