नीतीश ‘पलटू चाचा’ कहने से लेकर सिपाही को नाचने का आदेश देने तक… Tej Pratap की वो हरकतें जिनसे बढ़ीं लालू परिवार की मुश्किलें
तेज प्रताप यादव
Tej Pratap Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने अनोखे अंदाज और विवादास्पद बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. उनकी हरकतों ने न केवल बिहार की राजनीति में हलचल मचाई है, बल्कि लालू परिवार और उनकी पार्टी की छवि को भी बार-बार नुकसान पहुंचाया है. हाल ही में, तेज प्रताप के एक फेसबुक पोस्ट ने बिहार की सियासत में तूफान ला दिया है. जिसके बाद लालू यादव ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया. आइए, तेज प्रताप के उन बड़े विवादों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने लालू परिवार को मुश्किलों में डाला…
अनुष्का यादव के साथ रिलेशनशिप का दावा और निष्कासन
24 मई 2025 को तेज प्रताप ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट में दावा किया कि वह पिछले 12 साल से अनुष्का यादव नाम की एक महिला के साथ रिलेशनशिप में हैं. इस पोस्ट ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी. हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था और तस्वीरें AI के जरिए एडिट की गई थीं. इस विवाद ने लालू परिवार की एकता पर सवाल उठाए, और लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया. लालू ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है.
होली पर सिपाही को नाचने का आदेश
15 मार्च 2025 को होली के मौके पर तेज प्रताप का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह अपने सरकारी आवास पर एक पुलिसकर्मी, दीपक कुमार को ठुमका लगाने का आदेश दे रहे थे. उन्होंने कथित तौर पर कहा- ‘ऐ सिपाही, अभी गाना बजाएंगे, उस पर तुमको ठुमका लगाना पड़ेगा, नहीं तो सस्पेंड कर देंगे. बुरा न मानो, होली है.’ इस घटना की बीजेपी और जेडीयू ने तीखी आलोचना की, इसे ‘जंगलराज’ की मानसिकता का प्रतीक बताया. इसके परिणामस्वरूप, दीपक कुमार का ट्रांसफर कर दिया गया, और तेज प्रताप की सुरक्षा में नए कांस्टेबल की तैनाती हुई. इस घटना ने लालू परिवार की छवि को और नुकसान पहुंचाया था.
नीतीश कुमार को ‘पलटू चाचा’ कहा
होली 2025 के दौरान ही तेज प्रताप का एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह बिना हेलमेट के स्कूटी चलाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर पहुंचे और चिल्लाकर कहा- ‘पलटू चाचा कहां हैं?’ यह टिप्पणी नीतीश कुमार के बार-बार गठबंधन बदलने के संदर्भ में थी. क्योंकि उन्होंने दो बार आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ा. इस घटना की व्यापक आलोचना हुई, और तेज प्रताप के खिलाफ ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए चालान भी काटा गया था. बीजेपी ने इसे ‘जंगलराज की मानसिकता’ करार दिया था.
ऐश्वर्या राय से तलाक का विवाद
तेज प्रताप की शादी मई 2018 में ऐश्वर्या राय से हुई थी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद नवंबर 2018 में उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल कर दी. यह मामला हाई-प्रोफाइल रहा. क्योंकि ऐश्वर्या बिहार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी हैं. इस विवाद ने लालू परिवार को असहज स्थिति में डाल दिया, और नीतीश कुमार ने 2020 के विधानसभा चुनाव में इसे भावनात्मक मुद्दा बनाकर लालू परिवार पर निशाना साधा. तेज प्रताप और ऐश्वर्या का तलाक अभी भी कानूनी प्रक्रिया में है, जिससे परिवार की छवि पर असर पड़ रहा है.
पार्टी नेताओं के साथ टकराव
तेज प्रताप का 2021 में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ विवाद भी चर्चा में रहा. जगदानंद सिंह ने तेज प्रताप के समर्थक आकाश यादव को छात्र आरजेडी के अध्यक्ष पद से हटा दिया, जिसके बाद तेज प्रताप ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इस विवाद में तेजस्वी यादव के समर्थक गगन यादव को अध्यक्ष बनाया गया, जिससे तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच तनाव की खबरें उड़ीं. अनुष्का यादव, जो आकाश यादव की बहन बताई जाती हैं.
विवादित बयान और धमकियां
तेज प्रताप ने कई बार नेताओं और पत्रकारों पर विवादित बयान दिए हैं. 2017 में, जब केंद्र सरकार ने लालू यादव की जेड-प्लस सुरक्षा हटाई, तो तेज प्रताप ने पीएम नरेंद्र मोदी को ‘खाल उधेड़ने’ की धमकी दी थी. 2019 में, एक पत्रकार पर उनके सुरक्षाकर्मी द्वारा कथित मारपीट का मामला भी सुर्खियों में रहा, जिसे तेज प्रताप ने साजिश बताया.
लैंड फॉर जॉब घोटाला
तेज प्रताप, लालू यादव और तेजस्वी यादव के साथ लैंड फॉर जॉब घोटाले में भी आरोपी हैं. इस मामले में आरोप है कि 2004-2009 के दौरान, जब लालू रेल मंत्री थे, तब रेलवे में नौकरियों के बदले जमीनें उनके परिवार और संबंधित कंपनी को हस्तांतरित की गई थीं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अक्टूबर 2024 में इस मामले में तेज प्रताप समेत आठ आरोपियों को समन जारी किया था. यह मामला लालू परिवार की कानूनी मुश्किलों को और बढ़ाता है.
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लालू परिवार पर इन विवादों का प्रभाव
तेज प्रताप के इन विवादों ने लालू परिवार और आरजेडी की छवि को बार-बार नुकसान पहुंचाया है. खासकर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, अनुष्का यादव विवाद और तेज प्रताप का निष्कासन पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू ने तेज प्रताप को निष्कासित कर तेजस्वी यादव के राजनीतिक करियर को बचाने की कोशिश की है, ताकि विपक्षी दल ‘महिला विरोधी’ जैसे नैरेटिव को हथियार न बना सकें.
तेजस्वी यादव ने इस मामले पर कहा, “हमें ये चीजें ठीक नहीं लगतीं. निजी जीवन और राजनीति अलग हैं. मेरे बड़े भाई को उनके फैसलों के परिणाम भुगतने होंगे.’ वहीं, बीजेपी और जेडीयू ने इसे लालू परिवार की अंदरूनी कलह और नैतिक पतन का प्रतीक बताया है.’