‘मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं, हम चुनाव कैसे लड़ेंगे?’, तेजस्वी का बड़ा आरोप, अब EC ने दिया जवाब
तेजस्वी के आरोपों को चुनाव आयोग ने किया ख़ारिज
Tejashwi Yadav Vs EC: बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है. राजद नेता और विधानसभ में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं कि उनका नाम ही नए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है. पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा- ‘मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो हम चुनाव कैसे लड़ेंगे?’ तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर ‘गोदी आयोग’ होने का आरोप लगाया और सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की.
आयोग पर आरोप लगता देख इलेक्शन कमीशन ने तुरंत इस मामले पर जवाब देकर बताया है कि तेजस्वी यादव का नाम नए ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल है. कुछ मिनटों में ही चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावों और आरोपों को गलत ठहरा दिया.
वोटर लिस्ट से हटा तेजस्वी का नाम
बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार, 2 अगस्त को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनसनीखेज खुलासा किया कि उनका नाम नए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है. उन्होंने पत्रकारों के सामने अपने EPIC नंबर के जरिए ऑनलाइन चेक किया, जिसमें ‘नो रिकॉर्ड फाउंड’ का मैसेज आया. तेजस्वी ने सवाल उठाया- ‘जब मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?’
#WATCH | पटना: राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, " तकरीबन हर विधानसभा से 20 से 30 हजार नाम काटे गए हैं। कुल 65 लाख के करीब यानी 8.5% के करीब मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। चुनाव आयोग जब भी कोई विज्ञापन देता था, तो उसमें बताया जाता था कि इतने शिफ्ट हो गए, इतने लोग मृत हैं और… pic.twitter.com/5B8yX2ElZJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 2, 2025
चुनाव आयोग पर ‘गोदी आयोग’ का आरोप
तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला और इसे ‘गोदी आयोग’ करार दिया. उन्होंने दावा किया कि आयोग ने पहले से तय कर लिया है कि किन लोगों के नाम हटाने हैं और किन्हें जिताना है. उन्होंने कहा- ‘दो गुजरातियों के बैकअप से आयोग यह न सोचे कि वह कुछ भी कर सकता है.’ तेजस्वी ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान ले और आयोग से जवाब मांगे.
आपको बता दें कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने बिहार SIR प्रक्रिया का पहला ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें 65 लाख मतदाताओं (लगभग 8.5%) का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है.
आरोपों पर आयोग का जवाब
तेजस्वी यादव के आरोप लगाने के कुछ मिनटों के अंदर ही चुनाव आयोग ने इसपर फौरन प्रतिक्रिया दी. चुनाव आयोग ने इस संबंध में लिस्ट जारी कर तेजस्वी यादव का नाम लिस्ट में जारी होने की बात की है, EC ने इस संबंध में तेजस्वी का सीरियल नंबर 416 भी जारी कर इसका स्पष्टीकरण दिया है.

पटना डीएम ने तेजस्वी के आरोपों पर बयान जारी करते हुए कहा- ‘कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है. इस बारे में जिला प्रशासन, पटना द्वारा जांच की गई. इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है. वर्तमान में उनका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था.’
65 लाख वोटरों के नाम कटे, पारदर्शिता पर सवाल
चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, जिसमें 65 लाख 64 हजार वोटरों के नाम हटाए गए हैं. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि आयोग ने इन वोटरों को कोई नोटिस नहीं दिया और प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है. उन्होंने कहा कि आयोग ने बूथ-स्तरीय डेटा साझा नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि किन-किन लोगों के नाम कटे.
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बिहार में SIR के आंकड़े
चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, जिसमें 7 करोड़ 24 लाख 5 हजार 756 वोटरों के नाम शामिल हैं. पहले यह आंकड़ा 7 करोड़ 89 लाख था. आयोग के मुताबिक, 22 लाख 34 हजार वोटरों का निधन हो चुका है, 36 लाख 28 हजार स्थायी रूप से शिफ्ट हुए और 7 लाख 1 हजार वोटरों के नाम दो जगह दर्ज थे. विशेष रूप से, मुस्लिम बहुल सीमांचल के चार जिलों और दरभंगा में 9 लाख 65 हजार वोटरों के नाम कटे, जबकि NDA के गढ़ तिरहुत और दरभंगा के 9 जिलों में 21 लाख 29 हजार नाम हटाए गए.