‘चंडीगढ़ को लेकर अभी कोई फैसला नहीं’, पंजाब में सियासी अटकलों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय का जवाब

आर्टिकल 240 के तहत देश के राष्ट्रपति को यह अधिकार मिलता है कि वे केंद्र शासित प्रदेश के लिए कोई भी नियम और कानून बना सकते हैं.
Home Minister Amit Shah and Punjab Chief Minister Bhagwant Mann.

गृहमंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान.

Home Ministry on Chandigarh: चंडीगढ़ को आर्टिकल 240 में शामिल किए जाने को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जवाब दिया है. 131वें संशोधन बिल-2025 को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा कि ये प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है. इसको लेकर कोई भी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.

‘बिल पेश करने की सरकार को अभी कोई मंशा नहीं’

पीआईबी- गृह मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि चंडीगढ़ के लिए केंद्र सरकार की कानून को सरल बनाने की प्रक्रिया अभी केंद्र सरकार के स्तर पर सिर्फ विचाराधीन है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए पीआईबी- गृह मंत्रालयकी तरफ से लिखा गया, ‘इस प्रस्ताव पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इस प्रस्ताव में किसी भी तरह से चंडीगढ़ की शासन-प्रशासन की व्यवस्था या चंडीगढ़ के पंजाब और हरियाणा के संबंधों के बदलने जैसी कोई बात नहीं है. चंडीगढ़ के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी हितधारकों से पर्याप्त विचार विमर्श के बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा. इस विषय पर चिंता की जरूरत नहीं है. आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस आशय का कोई बिल प्रस्तुत करने की केंद्र सरकार की कोई मंशा नहीं है.

पंजाबियों का हक छीनने की मानसिकता

131वें संशोधन बिल-2025 के जरिए चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 में लाने को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. मामले पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करके लिखा, ‘BJP की केंद्र सरकार द्वारा संविधान संशोधन के माध्यम से चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को खत्म करने की कोशिश किसी साधारण कदम का हिस्सा नहीं, बल्कि पंजाब की पहचान और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है. फेडरल स्ट्रक्चर की धज्जियाँ उड़ाकर पंजाबियों के हक़ छीनने की यह मानसिकता बेहद खतरनाक है.

जिस पंजाब ने देश की सुरक्षा, अनाज, पानी और इंसानियत के लिए हमेशा बलिदान दिया, आज उसी पंजाब को उसके अपने हिस्से से वंचित किया जा रहा है. ये केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं बल्कि ये पंजाब की आत्मा को चोट पहुँचाने जैसा है. इतिहास गवाह है कि पंजाबियों ने कभी किसी तानाशाही के सामने सिर नहीं झुकाया. पंजाब आज भी नहीं झुकेगा. चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का रहेगा.’

कांग्रेस बोली- ये अन्याय है

वहीं पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा, ‘ये सरासर अन्याय है. सरकार अनुच्छेद 240 के तहत संशोधन करना चाहती है. संशोधन में चंडीगढ़ को विधानमंडल रहित केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की बात की जा रही है. चंडीगढ़ पर हमारा(पंजाब) का अधिकार है, क्योंकि जब देश का बंटवारा नहीं हुआ था तो लाहौर पंजाब की राजधानी हुआ करता था. बंटवारा होने के बाद चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी बन गया. राज्य विभाजित होने के बाद भी चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी बना. हमारा अधिकार इसलिए भी है क्योंकि पंजाब के 13 गांव उजड़े तब ये चंडीगढ़ बना है. भले ही चंडीगढ़ पंजाब को ना मिला हो, लेकिन किसी ने इसे पंजाब से छीनने की बात नहीं की. ऐसा आप क्यों कर रहे हैं?’

क्या है आर्टिकल 240?

आर्टिकल 240 के तहत देश के राष्ट्रपति को यह अधिकार मिलता है कि वे केंद्र शासित प्रदेश के लिए कोई भी नियम और कानून बना सकते हैं. वहीं इसमें एक शर्त ये भी है कि अगर किसी केंद्र शासित प्रदेश जैसे पुडुचेरी में आर्टिकल 239A के तहत विधानसभा या विधानमंडल बना दिया गया है, तो फिर वहां पर विधानसभा की पहली मीटिंग वाले दिन से ही राष्ट्रपति कोई भी नया नियम नहीं बना सकते. आर्टिकल 240 के तहत राष्ट्रपति जो भी रूल रेगुलेशन बनाएंगे, उससे केंद्र शासित प्रदेश में लागू पुराना कानून बदल सकता है.

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