सियाचिन में सेना के बेस कैंप के पास हिमस्खलन, 2 अग्निवीर समेत तीन जवान शहीद
सियाचिन बेस कैंप
Siachen Base Camp: लद्दाख स्थित सियाचिन ग्लेशियर में हुए भीषण हिमस्खलन में सेना के दो अग्निवीर समेत तीन जवान शहीद हो गए. बताया जा रहा है कि जवान जब पेट्रोलिंग पर थे, तभी अचानक बर्फ खिसककर बेस कैंप तक पहुंच गई. घटना की जानकारी मिलते ही सेना की बचाव टीमें मौके पर जुट गई हैं. गौरतलब है कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है, जहां तापमान माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है और लगातार तेज हवाएं चलती रहती हैं.
2 अग्निवीर समेत 3 जवान शहीद
भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर की तरफ से जानकारी दी गई है कि सिपाही मोहित कुमार, अग्निवीर नीरज कुमार चौधरी और अग्निवीर डाभी राकेश देवभाई ने 9 सितंबर को सियाचिन में ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया. तीनों जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं.

सबसे कठिन तैनाती स्थल
सियाचिन ग्लेशियर दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे खतरनाक सैन्य चौकियों में से एक है. यहां मौसम इतना कठोर होता है कि तापमान हमेशा शून्य से कई डिग्री नीचे रहता है. लगातार बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण यहां तैनात सैनिकों को जीवन और मौत के बीच संतुलन साधना पड़ता है. फ्रॉस्टबाइट जैसी गंभीर समस्या अक्सर सैनिकों को प्रभावित करती है, जिसमें ठंड से शरीर के ऊतक जम जाते हैं.
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विशेष प्रशिक्षण और सुरक्षा
भारतीय सेना नियंत्रण रेखा पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए यहां चौबीसों घंटे तैनात रहती है. जवानों को ऊंचाई पर युद्ध के लिए खास प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्हें ठंड से बचाने के लिए विशेष उपकरण और जीवनरक्षक संसाधन मुहैया कराए जाते हैं. हाल ही में हुए हिमस्खलन के बाद सेना ने बचाव अभियान तेज़ कर दिया है और सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा भी जारी है.