ब्राह्मण, लोध या दलित…किसे मिलेगी यूपी बीजेपी की कमान? दिल्ली भेजे गए 6 नाम

पार्टी के एक नेता का कहना है कि प्रदेश इकाई ने उपयुक्त नाम अपनी तरफ से भेजे हैं, जिन पर आलाकमान को फैसला लेना है.
UP BJP president

धर्मपाल सिंह, दिनेश शर्मा व रामशंकर कठेरिया

UP BJP President: भाजपा ने अधिकांश प्रदेशों में पार्टी प्रमुख चुन लिया है लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश जैसे बड़े सूबे में प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर नहीं लग पाई है. उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को विस्तार दिया था और अभी तक वे इस जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं. दरअसल, बीजेपी की नजरें 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं, जिसमें जीत हासिल कर पार्टी हैट-ट्रिक पूरी करना चाहती है. ऐसे में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहती है. वहीं विपक्षी दल प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर भाजपा पर तंज भी कसते नजर आ रहे हैं. इस बीच, खबर है कि यूपी बीजेपी को जल्द ही नया अध्यक्ष मिल सकता है.

6 नेताओं की लिस्ट भेजी गई दिल्ली

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश भाजपा इकाई की तरफ से आलाकमान को 6 नेताओं की लिस्‍ट भेजी गई है, जिनमें दो ब्राह्मण, दो पिछड़े और दो दलित समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरे हैं. सूत्रों के मुताबिक, अगले दो हफ्तों में यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व डिप्‍टी सीएम दिनेश शर्मा और पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी का नाम ब्राह्मण दावेदारों में है. वहीं मंत्री धर्मपाल सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ओबीसी, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया और एमएलसी विद्या सागर सोनकर का नाम दलित चेहरे के तौर पर लिस्ट में शामिल किया गया है, जिस पर आलाकमान को फैसला लेना है.

भूपेंद्र चौधरी के उत्तराधिकारी की तलाश

पार्टी के एक नेता का कहना है कि प्रदेश इकाई ने उपयुक्त नाम अपनी तरफ से भेजे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि 2 हफ्ते में इसको लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी. बीजेपी ने 37 संगठनात्मक इकाइयों में से 25 से अधिक में राज्य प्रमुखों का चुनाव कर लिया है. हालांकि, अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी बाकी है, जिसको लेकर अटकलों का बाजार लगातार गर्म रहा है. दूसरी तरफ, यूपी बीजेपी की कमान संभाल रहे जाट नेता भूपेन्द्र सिंह चौधरी के उत्तराधिकारी की तलाश भी जारी है.

2027 चुनाव पर नजरें

2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के लिए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करना आसान नहीं होने वाला है. पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के साथ तालमेल पर भी पार्टी की नजरें होंगी. हाल-फिलहाल, ब्राह्मणों की नाराजगी का मामला भी गरमाया रहा है. जबकि करणी सेना को लेकर उठे विवाद पर भी पार्टी की नजरें होंगी. इन सबके बीच, विपक्षी दल सपा के पीडीए फॉर्मुले का भी तोड़ ढूंढने की पार्टी कोशिश करेगी.

2024 लोकसभा चुनाव में लगा था तगड़ा झटका

2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी जैसे बड़े सूबे में तगड़े झटके मिले थे और नतीजा ये हुआ कि पार्टी अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी. कई हाई प्रोफाइल सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. अमेठी, फैजाबाद, कन्नौज, रायबरेली, मैनपुरी जैसी बड़ी सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद वर्तमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने आलाकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश भी कर दी थी. फिलहाल, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के नाम को लेकर चल रही चर्चाओं पर भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि आलाकमान के सामने हमने अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं, अब उनको इस पर फैसला लेना है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है जल्द ही इस पर कोई निर्णय होगा.

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रेस में शामिल 6 नेता कौन हैं?

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल दिनेश शर्मा की बात करें तो, वे ब्राह्मण समाज से आते हैं और डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं. शर्मा के नाम पर संघ की सहमति के साथ-साथ शीर्ष नेतृत्व का भरोसा भी है. दूसरी तरफ, हरीश द्विवेदी सांसद रह चुके हैं और ब्राह्मण समुदाय से आते हैं.

मंत्री धर्मपाल सिंह प्रभावशाली लोध समुदाय से आते हैं और काफी अनुभव रखते हैं. 2016 में भी वे इस पद के लिए दावेदार थे, लेकिन तब केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था.

वहीं बीएल शर्मा ऐसे संगठनकर्ता हैं जिनकी संघ से नजदीकियां रही हैं. दलित समाज से आने वाले रामशंकर कठेरिया कट्टर हिंदुत्व छवि वाले नेता हैं. इसके अलावा विद्या सागर सोनकर की पूर्वी यूपी में अपने समाज के बीच काफी पकड़ मानी जाती है.

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