मैडम N का जाल: ISI की वो चाल, जिसने भारत को अंदर से तोड़ने की रची साजिश

Madam N: मैडम N पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करती है और भारत में कम से कम 500 जासूसों का नेटवर्क खड़ा करने वाली थी.
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कौन है मैडम एन?

Madam N: पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI को लेकर हर रोज खुलासे हो रहे हैं. इस बीच ISI की ‘मैडम N’ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. देश के अलग-अलग हिस्सों से कई ऐसे युवाओं के चेहरे बेनकाब हो चुके हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपने देश से दगाबाजी की बल्कि देश की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया. ये वो लोग हैं, जिन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो किया गया. उनके वीडियोज को लाइक और शेयर किया गया, लेकिन हकीकत में वो ISI के इशारों पर काम कर रहे थे. अब सवाल उठता है — आखिर ये लोग बार-बार पाकिस्तान कैसे जा रहे थे? वीजा कैसे मिल रहा था? खर्च कैसे उठ रहा था? और वहां पहुंचकर क्या कर रहे थे? जवाब है – एक महिला, एक नाम, एक चेहरा जो अब सामने आया है – मैडम ‘N’.

ये कहानी है मैडम N, यानी नौशाबा शहज़ाद मसूद की

लाहौर की रहने वाली ये महिला बाहर से एक ट्रैवल एजेंसी की CEO दिखती है, लेकिन अंदर से ISI की सबसे गुप्त साजिशों की सूत्रधार है. शुरुआत में नौशाबा लोगों को पाकिस्तान में उनके पुराने घर दिखाने के नाम पर बुलाती थी – खासकर सिखों और हिंदुओं को, जो बंटवारे के समय पाकिस्तान छोड़ आए थे। लोगों की भावनाओं से खेलना उसे बखूबी आता था… वो कहती थी – ‘लोग अपने आखिरी वक्त में अपने वतन की मिट्टी देखना चाहते हैं.’ लेकिन इसी ‘यात्रा’ की आड़ में वो रच रही थी एक गहरी साजिश.

भारत में स्लीपर सेल बिछा रही थी मैडम N

मैडम N सिर्फ यात्राएं नहीं करवा रही थी, वो भारत में स्लीपर सेल बिछा रही थी. सूत्रों के मुताबिक, नौशाबा अब तक करीब 500 से ज्यादा भारतीय जासूसों का नेटवर्क खड़ा कर चुकी है, जो ‘आम लोगों’ के बीच रहकर देश के लिए खतरा बन चुके हैं, इनमें कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स भी शामिल हैं, जैसे ज्योति मल्होत्रा, जसबीर सहित 15 से अधिक लोग जो हाल ही में गिरफ्तार हुए हैं. ये वही लोग थे जो बार-बार पाकिस्तान जा रहे थे. वहां ISI अफसरों से मिल रहे थे और फिर भारत लौटकर जानकारी पहुंचा रहे थे.

लेकिन पाकिस्तान का वीजा मिलना इतना आसान कब से हो गया?

असल में, नौशाबा की पहुंच दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के अंदर तक थी. वह सीधे फर्स्ट सेक्रेटरी वीजा, सुहैल कमर और काउंसलर. ट्रेड उमर शेरयार के संपर्क में थी. मतलब नौशाबा जिसको कहती एक फोन पर उसे तुरंत वीजा मिल जाता था. वहां के वीजा सेक्शन में काम करने वाले ISI ऑपरेटिव दानिश से उसका सीधा संपर्क था. यही दानिश था, जिसने कई भारतीयों को फर्जी तरीके से वीजा दिलवाए. आज यही दानिश भारत से निष्कासित किया जा चुका है. नौशाबा की एक कॉल पर किसी को भी वीजा मिल जाता था – ऐसा था उसका नेटवर्क.

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पकड़े गए जासूसों के फोन से नौशाबा का पाकिस्तानी नंबर +92 321 044#### मिला है. साथ ही दो पाकिस्तानी बैंक अकाउंट की जानकारी भी सामने आई है, जिनके जरिए वह भारतीयों को पैसे ट्रांसफर करती थी. पैसा, सोशल मीडिया प्रमोशन, टिकट, वीजा – सब कुछ इसी कड़ी के जरिए मैनेज होता था.

नौशाबा ने पिछले 6 महीनों में करीब 3000 भारतीय और 1500 NRI को पाकिस्तान बुलाया. इन यात्राओं को धार्मिक तीर्थयात्रा का नाम दिया गया, लेकिन असल में ये मिशन था — भारत के भीतर ISI की पहुंच मजबूत करने का. उसने इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के साथ मिलकर भारत से तीर्थयात्रियों को बुलाने का मोनॉपॉली बनाया हुआ था. यही नहीं, उसने हाल ही में भारत के कई शहरों खासकर दिल्ली में अपने स्थानीय एजेंट भी तैयार किए हैं, जो सोशल मीडिया पर उसकी कंपनी को प्रमोट कर रहे हैं.

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अब सवाल है कि क्या हम सच में सिर्फ बॉर्डर पर जंग लड़ रहे हैं? या दुश्मन अब हमारे बीच में ही आ चुका है – ट्रैवल एजेंसी के नाम पर, यूट्यूब चैनल के पीछे, और फॉलोवर्स की भीड़ के बीच?

खैर, पकड़े गए जासूसों के मोबाइल से नौशाबा का फोन नंबर मिला है और नौशाबा के दो बैंक अकाउंट की डिटेल्स भी जांच एजेंसियों के हाथ लगी है, जिसके जरिए भारतीयों के साथ उसकी मनी ट्रेजेक्शन को खंगाला जा रहा है.

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