यूपी के शिक्षकों के लिए जरूरी खबर, TET अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
TET exam UP controversy 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के शिक्षकों को बड़ी राहत देने की दिशा में अहम कदम उठाया है. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए TET अनिवार्यता के आदेश के खिलाफ रिवीजन याचिका दायर की जाए. सीएम योगी का कहना है कि वर्षों से सेवाएं दे रहे शिक्षकों को पात्रता परीक्षा में बार-बार उलझाना उचित नहीं है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक लंबे समय से बच्चों को पढ़ा रहे हैं और समय-समय पर उन्हें राज्य सरकार द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता रहा है. कार्यशालाओं और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी शिक्षण क्षमता को लगातार संवारा गया है. ऐसे में उनकी योग्यता और वर्षों की सेवा को नजरअंदाज करना सही नहीं है. इसलिए पुराने शिक्षकों को टीईटी पास करने के दबाव में रखना अनुचित है.
#UPCM @myogiadityanath ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 16, 2025
मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान…
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
गौरतलब है कि 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दो साल के भीतर टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य होगा. कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं करेंगे, उन्हें नौकरी छोड़नी होगी. इस आदेश से यूपी के करीब ढाई लाख शिक्षकों में चिंता बढ़ गई थी. खासतौर पर वे शिक्षक परेशान थे जिनकी सेवा के केवल कुछ साल शेष हैं. अनुमान के अनुसार, प्रदेश में लगभग दो लाख शिक्षक अब तक TET पास नहीं कर पाए हैं.
शिक्षक संगठनों की अपील
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विभिन्न शिक्षक संगठनों ने सरकार से गुहार लगाई थी. प्राथमिक शिक्षक संघ और जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने ज्ञापन सौंपकर पुराने शिक्षकों को राहत देने की मांग की. इन संगठनों का कहना था कि दशकों से सेवा दे रहे शिक्षकों को दोबारा परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर करना अन्यायपूर्ण है.
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सीएम योगी के कदम से बढ़ी उम्मीद
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद शिक्षकों में नई उम्मीद जगी है. उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मीडिया प्रभारी हरि शंकर राठौर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शिक्षक निराश थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने हमारी भावनाओं का सम्मान किया है. अब हमें भरोसा है कि सरकार हमारी समस्याओं को सर्वोच्च न्यायालय में मजबूती से रखेगी और पुराने शिक्षकों को राहत दिलाने में सफल होगी.
ध्यान देने योग्य है कि यूपी देश का पहला राज्य है जिसने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ रिवीजन दाखिल करने का फैसला किया है. सरकार का मानना है कि अनुभवी शिक्षकों की सेवा और उनकी योग्यता का सम्मान होना चाहिए, ताकि उनका मनोबल बना रहे और शिक्षा व्यवस्था पर नकारात्मक असर न पड़े.