Maha Shivratri 2025: काशी विश्वनाथ में 25 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान, जाने कैसी है व्यवस्था

महाशिवरात्रि पर्व के दौरान तकरीबन 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचने की संभावना है.
kashi vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर

Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि के दिन देशभर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रहती है. शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में महाशिवरात्रि पर खास आयोजन किए जाते हैं. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे भगवान शिव के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है. ऐसे में महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. महाशिवरात्रि पर्व के दौरान तकरीबन 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचने की संभावना है.

इस खास पर्व पर श्रद्धालुओं को काशी विश्वनाथ के दर्शन में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं. साथ ही प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. आइए जानते हैं मंदिर प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में

वीआईपी दर्शन पर रोक

महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए वीआईपी एंट्री पर बैन लगा दिया गया है. इस बार भक्तों के लिए सिर्फ झांकी दर्शन की व्यवस्था रहेगी. इस दौरान किसी को भी मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा. इसके अलावा सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम भी मंदिर में किए गए हैं.

इन 6 चीजों के साथ एंट्री बैन

मंदिर प्रशासन ने यह भी अपील की है कि महाशिवरात्रि पर धाम आने वाले भक्त अपने सभी सामानों को होटल या लॉज में छोड़कर आए. पेन, पेन ड्राइव, रिमोर्ट, स्मार्ट वॉच, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन जैसी चीजों के साथ किसी श्रद्धालु को मंदिर में एंट्री नहीं मिलेगी.

यात्रा और ट्रैफिक व्यवस्था

महाशिवरात्रि के पहले, सोमवार को भारी संख्या में श्रद्धालु बस, ट्रेन, विमान और निजी वाहनों से काशी पहुंचे. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई. शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रही, जिसके कारण प्रशासन ने कई स्थानों को नो-व्हीकल जोन घोषित किया है.

होटल और पार्किंग फुल, वाहनों की सीमित एंट्री

वाराणसी के सभी प्रमुख होटल और पार्किंग स्थल श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं. शहर के बाहरी हिस्सों में वाहनों को रोककर श्रद्धालुओं को ऑटो, ई-रिक्शा और ई-बसों से मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है. शहर में यातायात नियंत्रण के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है और ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जा रही है.

रेलवे स्टेशन पर विशेष प्रबंध

रेलवे स्टेशन पर अगले सख्ती बढ़ा दी गई है.सुरक्षा के लिए CRPF, SSB, PAC, GRP और स्थानीय पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. स्टेशन के प्रवेश मार्गों को नियंत्रित करते हुए इसे नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है.यात्रियों की सुविधा के लिए जनरल टिकट वितरण में भी विशेष व्यवस्था की गई है.

यह भी पढ़ें: Maha Shivratri 2025: महादेव को प्रसाद में पसंद है ये चीजें, इन्हीं से लगाए भोग

अतिरिक्त बस सेवा और परिवहन व्यवस्था

श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए कैथी के मार्कंडेय महादेव मंदिर और रोहनिया के शूलटंकेश्वर मंदिर के लिए अतिरिक्त ई-बस सेवाएं शुरू की गई हैं. हालांकि, श्री काशी विश्वनाथ और काल भैरव रूट पर ई-बसों के संचालन पर रोक लगाई गई है.

वृद्धजनों के लिए खास इंतजाम

वृद्ध और दिव्यांगों के लिए धाम में व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई है. वृद्धजनों को लाइन में बहुत देर तक खड़ा न होना पड़े इसके लिए उन्हें मंदिर के कर्मचारियों की मदद से बाबा दरबार तक भी पहुचाने का प्रयास किया जाएगा. जो लोग अपने परिवार या ग्रुप के साथ होंगे उनके सहमति के बाद उन वृद्धजनों को जल्दी दर्शन कराकर धाम क्षेत्र से बाहर निकाला जाएगा.

ज़रूर पढ़ें