विवाद बढ़ने के बाद अबू आजमी ने बयान वापस लिया; सपा नेता ने कहा था- औरंगजेब ने मंदिर बनवाए, क्रूर शासक नहीं था
अबू आजमी
Aurangzeb Controversy: मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने के बाद विवाद बढ़ने पर सपा नेता अबू आजमी ने अपना बयान वापस ले लिया है. सपा नेता ने कहा कि मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया गया है. लेकिन अगर मेरी बात से किसी के सेंटीमेंट्स हर्ट हुए हैं तो मैं अपने बयान को वापस लेता हूं. अबू आजमी के औरंगजेब की तारीफ करने के बाद लगातार आलोचना हो रही थी. खासकर भाजपा और शिवसेना अबू आजमी पर हमलावर थी.
कहा था- हमको गलत इतिहास दिखाया जा रहा
सपा नेता अबू आजमी ने कहा, ‘हमको गलत इतिहास दिखाया जा रहा है. औरंगजेब के बारे में गलत बताया जा रहा है. छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच की लड़ाई धार्मिक नहीं बल्कि सत्ता के लिए थी. मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं.’
बयान के बाद भाजपा-शिवसेना हमलावर
सपा नेता अबू आजमी के औरंगजेब को लेकर दिए बयान के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. अबू आजमी ने कहा कि औरंगजेब क्रूर शासक नहीं था. बल्कि औरंगजेब ने तो कई मंदिर बनवाए थे. गलत तरीके से इतिहास बताया जा रहा है. वहीं सपा नेता के बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भड़क गए. शिंदे ने कहा कि अबू आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. औरंगजेब की तारीफ करने की हिम्मत कैसे हुई.
‘औरंगजेब को अच्छा कहना पाप है’
सपा विधायक अबू आजम के बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी CM भड़क गए. उन्होंने कहा, ‘अबू आजमी की हिम्मत कैसे हुई औरंगजेब की तारीफ करने की. औरंगजेब को अच्छा कहना पाप है. अबू आजमी पर देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए. औरंगजेब ने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया. ऐसी बयानबाजी के लिए सपा नेता को देश से माफी मांगनी चाहिए.’
‘औरंगजेब के समय 24 % थी GDP’
औरंगजेब की तारीफ करते हुए सपा नेता ने कहा कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमा का विस्तार हुआ. भारत की सीमा बर्मा तक थी. हमारी जीडीपी भी बहुत ज्यादा थी. उस समय हमारी जीडीपी 24 प्रतिशत थी. इसलिए भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था.