दिल्ली एयरपोर्ट पर हादसा, सड़कों पर तैर रही गाड़ियां, सांसदों का डूबा आवास, बारिश से कई राज्यों में जनजीवन बेहाल

Delhi Airport Accident: इस बरसात ने न सिर्फ मार्च से जून तक बल्कि मानसून की कुल वर्षा का भी एक तिहाई कोटा पूरा कर दिया है. आगामी चार जुलाई तक रोजाना वर्षा होने का अनुमान है. शनिवार और रविवार को भारी वर्षा हो सकती है.
Delhi Airport Accident

घटना का जाएजा लेते नागरिक उड्डयन मंत्री

Delhi Airport Accident: दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाके में शुक्रवार सुबह हुई झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत पहुंचाई. लेकिन,अभी तक गर्मी से परेशान आम जनता को पहली बारिश ने राहत के साथ मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया. सरकार के इंतजामी पेंच इतने ढीले निकले कि एयरपोर्ट के बाहर छत का ढांचा गिर गया. ये हाल राजधानी दिल्ली का है, देश की राजधानी के सबसे पॉश, सबसे खास और सबसे अधिक सुरक्षा में रहने वाले इलाके का है कि जरा सी बारिश होती है और छत का ढांचा गिर जाता है और इसमें एक आदमी की मौत भी हो जाती है.

दिल्ली एयरपोर्ट पर एक गरीब कैब ड्राइवर मर जाता है, क्योंकि एयरपोर्ट के बाहर छत का ढांचा उसकी कार पर गिरा. जिम्मेदारी लेने की जगह कहा जाता है कि ये ढांचा अभी नहीं, बल्कि 2009 में बना था. कई राज्यों को भिगोते हुए दिल्ली पहुंचे मानसून ने जबरदस्त दस्तक दी है. पहली और महज 24 घंटे की बारिश ने 88 साल का रिकार्ड तोड़ दिया. गुरुवार सुबह से शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 228.1 मिमी हुई वर्षा 124 साल (1901 से लेकर 2024 तक) का ऑल टाइम रिकार्ड तोड़ने से थोड़ा ही पीछे रह गई.

ये भी पढ़ें- नीट पेपर लीक केस में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल को CBI ने किया गिरफ्तार, जानिए क्या हैं आरोप

मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

इस बरसात ने न सिर्फ मार्च से जून तक बल्कि मानसून की कुल वर्षा का भी एक तिहाई कोटा पूरा कर दिया है. आगामी चार जुलाई तक रोजाना वर्षा होने का अनुमान है. शनिवार और रविवार को भारी वर्षा हो सकती है. मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है. मौसम विज्ञानियों के अनुसार, शुक्रवार को भारतीय समयानुसार सुबह लगभग 2.45 बजे नई दिल्ली के उत्तर में एक तूफान आया था. उत्तर प्रदेश में पहले से आए एक बड़े तूफान की उपस्थिति ने इसके असर को और अधिक प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाई. इसीलिए इतनी रिकार्ड बरसात हुई

बारिश से न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 24.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि गुरुवार को यह 28.6 डिग्री रहा था. अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. एक दिन पहले यह 35.4 डिग्री रहा था. हवा में नमी का स्तर 100 से 71 प्रतिशत रिकार्ड हुआ.

मानसून से लोगों का जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

मानसून की पहली वर्षा में राजधानी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इस कारण हुए हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं. लुटियंस दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों के साथ सैन्य अधिकारी, केंद्रीय अधिकारी व उद्योगपतियों के बंगले भी जलभराव की जद में आ गए. उनके घरों में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया. सपा नेता व सांसद राम गोपाल यादव को उनके कर्मचारियों ने घर से गोद में लेकर कार तक पहुंचाया, जिससे वह संसद जा सके.

पानी में डूबा सांसद और मंत्रियों का आवास

ऐसी ही स्थिति कई अन्य सांसदों के साथ उत्पन्न हुई. कुछ दिन पूर्व तक पानी के लिए धरने पर बैठीं दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का घर भी वर्षा व सीवर के पानी से लबालब हो गया. हर ओर जलभराव का कोहराम था. दूतावास, उच्चायोग व राज्यों की भवनों के लोग त्राहिमाम करते दिखे. राहत व बचाव अभियान में एनडीआरएफ को भी उतरना पड़ा. अधिकांश सड़कों पर दिनभर जाम की स्थिति रही. जीटी करनाल हाईवे पर तीन से चार किमी लंबा जाम लगा रहा. विकास मार्ग लक्ष्मी नगर से लुटियंस दिल्ली घंटों जाम से थमी रही.

उप्र में 13 की मौत, राजस्थान में पांच की गई जान

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वर्षाजनित हादसों के कारण 13 लोगों की मौत हो गई. अगले दो दिन भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है. राजस्थान में लगातार तीन दिन से मध्यम से तेज बारिश हो रही है. वर्षाजनित हादसों में तीन दिन में पांच लोगों की मौत हुई है. शुक्रवार को झुंझुनूं में पांच लोग बिजली के करंट की चपेट में आने से घायल हो गए. मानसून राजस्थान से होता हुआ हरियाणा में प्रवेश कर गया. भिवानी में शुक्रवार सुबह पहुंचे मानसून ने 10 घंटे में ही हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब के काफी हिस्सों में वर्षा की. मानसून ने पूरे उत्तराखंड को कवर कर लिया है. संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है.

हिमाचल में भी आफत बनी बारिश

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मानसून की पहली वर्षा ने लोगों को डरा दिया है. पानी के साथ आए मलबे में नौ वाहन दब गए. कई आवासों में भी पानी व मलबा घुस गया. कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. सोलन के कुनिहार में भारी वर्षा के कारण गंभरपुल को खतरा पैदा हो गया है. मौसम विभाग ने पांच दिन तक वर्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है. बंगाल की खाड़ी से आने वाली तेज दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण अगले पांच दिनों तक उत्तर बंगाल के जिलों में व्यापक बारिश होने की संभावना है.

ज़रूर पढ़ें